शिकायतें
तेरी नफरत से नहीं , तेरी मोहब्बत से खफा हूँ मैं ,
न जाने क्यों अब भी करता हूँ तुझसे वफा मैं ||
ये कैसी मोहब्बत है तेरी जो तुझे मेरे पास नहीं लती ,
ये कैसी नफरत हैं तेरी जो तुझे मुझसे दूर नहीं ले जा पाती ||
ना दरिया के इस पार है तू , ना दरिया के उस पार है तू ,
ना दरिया के ऊपर , ना ही दरिया के नीचे है तू ||
अब ना जाने क्यों तेरी आहट मुझे सुनाई नहीं देती ,
बास तेरी ख़ामोशी की छीकें मुझे सोने नहीं देती ||
अब तेरे आंसू मेरी कमीज़ को गीला नहीं करते ,
अब तेरी नादानियाँ मेरी मुस्कुराहट की वजह नहीं बनतीं ||
अब मैं अपनी दिक्कतें तुझसे बताया नहीं करता ,
तू भी तो अपनी शिकायतें मुझे सुनाया नहीं करती ||
देख अभी भी करता हूँ तुझसे वफा मैं ,
लेकिन तेरी मोहब्बत से बहुत हूँ खफा मैं ||
©shaharshdwivedi