Confession Of First Love
सम्बोधन मे क्या लिखूं यह समझ नही आ रहा। आदरणीय कहूँ तो तुम मुझसे सिर्फ़ एक क्लास बढ़ी हो और प्रिय और प्रेयसी शब्दों का इस्तेमाल करना शायद ठीक ना लगे तुम्हे तो मैंने सम्बोधन का स्थान खाली रख छोड़ा है तुम्हे जो सही लगे वह तुम समझ लेना।
भले दिमाग यह बूढ़ा हो गया हो पर तुम्हारी वह तस्वीर इस में ऐसे बैठ गयी है की मानो इसने ठान लिया हो अब यह मेरे साथ ही उपर जायेगी। याद है तुम्हे हमारी पहली मुलाकात जब तुमने मुझे पिटने से बचा लिया था। और दूसरी मुलाक़ात कैसे भूल सकता हूँ मैं, वह सबसे अच्छी यादोँ में से एक है। उस दिन मैं टिफ़िन नही ला पाया था पर तुम ने अपना टिफ़िन शेयर किया। सच कहूं तो वह खाना इतना अच्छा नही था पर तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लगा था।
अच्छा हाँ एक और बात। वह जो तुम्हारी बेन्च पर इशा+दीप लिखा था वह मैने लिखा था पर तुम ने खामखाह मन्दीप को पिटवा दिया। बेचारे को सर ने सारे क्लास के सामने मुर्गा बनाया, तीन दिन उनकी क्लास में। बहुत अफ़सोस हुआ मुझे इसलिए नहीँ की मन्दीप पिट गया बल्कि इसलिए की शायद मैं तुम्हे नहीँ पा सकूँ। मैं बहुत डर गया था।