कहानी प्यार की
हे लड़की का हुस्न; चाँद से भी कई प्यारा
लड़का भी कम न था; था वो भी, प्यारासा सितारा
लड़की का प्यार लड़के के दिल से जुड़ा हुआ था,
लड़का भी लड़की के खूबशूरती पे बार बार मरता था
हो रही थी मुक़्क़मल एक प्यारी सी कहानी,
जो लग रही थी चाँद से भी कई सुहानी
अभी अभी प्यार में रंगा था; दोनोने एक दूजे को,
पर ये हसीन प्यार शायद मंज़ूर न था खुदाको
सोचा लड़कीने; यादो के उस फंदेको अब गले में क्या लपेटना
अच्छा रहेगा इस बेमतलब प्यार को यही समेटना
मिला लड़की को एक सूर्यवीर सा राजकुँवर
बना वो लड़का दामाद; जिस घराने का नाम था सतिकुवर!
क्यूँ बना यही प्यार; दोनों के लिए किस्मतवाला,
क्यूंकि आया था लड़की को तराशने; खुद ऊपरवाला l
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