खुदा का ही हुक्म रहा होगा
कि, हमने दो बीती बात की ।।
मुलाक़ात की, रूबरू रात की ।
गुजरी सासों के वे गीत मेरे
अब चीखे हैं चंदा चातकी ।।
Arun Bhardwaj (Atirek)
खुदा का ही हुक्म रहा होगा
कि, हमने दो बीती बात की ।।
मुलाक़ात की, रूबरू रात की ।
गुजरी सासों के वे गीत मेरे
अब चीखे हैं चंदा चातकी ।।
Arun Bhardwaj (Atirek)