हम मुस्कुरा कर दुखों को तौहीन करने वाले लोग हैं
abdulramiz
hm wo aali mkaam hain jinhen tanhaiyan ehtraam krti hai
-
abdulramiz 1h
-
abdulramiz 4d
ला इधर हाथ,
के हम दर्द के इस डूबती नांव से उतर कर,
चलें उस पार,
जहां कूचा_ओ_बाजार न हों,
दर्द के आसार न हों -
abdulramiz 4d
जिनका इश्क कामिल न हुआ,
,,
,,
वो निकले हैं अब मजारों पर -
abdulramiz 1w
मुझे यकीन है अराइश_ए_जमाल के बाद,
,,
,,
तुम्हारे हाथ से आइना गिर गया होगा
#जॉन -
abdulramiz 1w
दास्तान_ए_हयात में सागर,
,,
,,
बेवफाओं के नाम आते हैं,
सागर सिद्दीकी -
abdulramiz 1w
दाएं बाजू का एक फरिश्ता तो,
,,
,,
बस तुम्हारा ही नाम लिखता था -
abdulramiz 2w
मेरे लिए तो ये भी अजीयत की बात थी,
,,
,,
तुझको भी हाल ए दिल सुनाना पड़ा मुझे -
abdulramiz 2w
औरों के ऐब छोड़, दर्जी से जा के कह,
,,
,,
इतनी जगह तो छोड़ के गिरेबां दिखाई दे -
abdulramiz 2w
हर शख़्स मुझे सूरत_ए_अख़बार समझ कर,
,,
,,
सफाहात से मतलब की खबर काट रहा है -
abdulramiz 3w
अब समझने लगा हूं सूद_ओ_जियां,
,,
,,
अब कहां वो मुझमें जूनू है साहब
-
.
-
lazybongness 6w
Pic credit : Alice AliNari
Aaj Fir Ishq Likha
हिज्र ओ वस्ल की सर्दी गर्मी सहता है
दिल दरवेश है फिर भी राज़ी रहता है।।
( ज़हिर कश्मीरी )हिज्र - ओ - विसाल में गुज़ारने का तरीका ढूंढा ,,...
मैं ने आदाब से फिर सबक - ए - इश़्क सीखा!!
©lazybongness -
इश्क़ के ताबीज़ को गले लगा रखा है,,
चलो एक तरफा ही सही...
पर आदत बना रखा है।।
©lazybongness -
lazybongness 4w
यह ज़िन्दगी बहोत सताती हैं,..
बिछड़ो को कहाँ मिलाती हैं?!
(Piya)
As they say one day there will be nothing left
But 'STORIES'.तुम्हें छु तो नहीं सकते, बस लिख सकते हैं,..
इसी तरह रोज मोहब्बत निभा सकते हैं।।
©lazybongness -
yusra ansari
-
yusraansarii 2w
Bewafa tum nahi
Badnaseeb ham nikle
yusra ansari -
मुकर/مکر
محفل میں ہم سے لوگ مخاطب ہوۓ مگر،
جن پر نگاہ تھی وہ مکر کر چلے گۓ۔
महफ़िल में हमसे लोग मुख़ातिब हुए मगर,
जिन पर निगाह थी वो मुकर कर चले गए।
©ishq_allahabadi -
Bhut khele tum mere sath
Mohabat-mohabat
Chalo ab hum tumhare
Sath nafrat- nafrat khelte
Hain******Hisab barabar*******
©sweety__7543 -
me_anshuman 2w
मत करो..
मिरे ज़ख्मों को यूं ही कुरेदते रहो.. कम.. मत करो
तुम्हारी शख्सियत पर नहीं जंचता रहम.. मत करो
रहम.. मत करो..
_अंशुमान___ -
तुम आओगे लौटकर.. ये वहम अभी तक पाल रक्खा है
तुम्हारे खयालों संग तन्हा, मैंने अपना खयाल रक्खा है...
___अंश___
