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मेरी मोहब्बत के किस्से, तुम्हें उम्र तलक बतलाना है,
ख़ैर, लेकिन, मगर, इजाज़त, मुझे भी घर चलाना है।
©abhi_mishra_
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मैंने कहानियां पढ़ी हैं बरसों, कहानीकार देखे हैं,
कहानियों में मदमस्त, असल में बेज़ार देखे हैं।
वो किस्सों से ख़ुश हैं, और किस्सों में परेशान,
दवाखानों में हकीम जैसे, बीमार देखे हैं।
©abhi_mishra_ -
abhi_mishra_ 2w
तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें........
#hindi #hindiwriters #abhimishra
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बेरंग थीं उस रोज़ फिज़ाएं,
उस रोज़ सुहानी शाम ना थी,
एक लम्हा ऐसा ना बीता,
जिस पल को घड़ी बदनाम ना थी,
वो पास था मेरे इस लम्हे,
अगले लम्हे में ना होता,
ऐसे हालातों में आख़िर,
मैं करता क्या जो ना रोता।
उस रोज़ को मैंने सजदे में,
बरसों तक रब से माँगा था,
एक चेहरे की तस्वीरों को,
दिल - ओ - दीवार पे टांगा था।
तब वक्त जो दौड़ा जाता था,
तुझ बिन अब जैसे ठहरा है,
मदमस्त हुआ सा फिरता था,
उस वक्त पर जैसे पहरा है।
उस रोज़ को कहता मैं तुमसे,
अपने इस दिल का हाल, मगर,
मैं दोहरा दूंगा फ़िर वो पल,
हम फ़िर जो मिले इस साल अगर।
©abhi_mishra_ -
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जब जब को तू सोच में होगा,
अमन - चैन की खोज में होगा।
तब - तब तुझमें भ्रम को भर के,
मुखिया तेरा मौज में होगा।
तू भूखे पेट ही धरने देगा,
वो सुबह शाम को भोज में होगा।
वह तुझसे छल - बल खेलेगा,
तू बेमतलब के बोझ में होगा।
ख़ुद के भीतर जब झांकेगा,
बस तब ही तू ओज में होगा।
©abhi_mishra_ -
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कि अब जो शाम ढलने को है, मैं घर आता क्यों नहीं,
वो दिन का हाल तुम्हें मैं, और मलाल बताता क्यों नहीं।
मुझे इस बात पर हैरत है और तुमको शिकायत है,
तुम्हें मैं इश्क़ करता हूँ तो फ़िर सताता क्यों नहीं।
तुम्हारी याद में मैंने, जो दिन जो लम्हें काटे हैं,
उन्ही लम्हों को फ़िर मैं गुल बनाकर लाता क्यों नहीं।
तुम्हारा चांद सा चेहरा, नज़ारों से भी दिलकश है,
तुम्हारे इस हसीं चेहरे से मैं दिल लगाता क्यों नहीं।
कि इस रफ़्तार से आख़िर क्यों भागी जाती है ज़िन्दगी,
तुम्हारे पास मेरा वक़्त, ठहर ही जाता क्यों नहीं।
©abhi_mishra_ -
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तुम देख रही हो वह पतंग,
जो एक डोर पर विश्वास कर
खुले आकाश में गोते लगा रही है,
यह एक दूसरे के प्रति विश्वास की सीमा है।
वह डोर शुरू होती है अपनी बुनियाद से,
और लौटकर आती है अपनी बुनियाद पर।
लेकिन पतंग की कोई बुनियाद नहीं होती,
वह उड़ रही है बदहवास सी, प्रेम में, विश्वास में।
तुम वह डोर हो जो लौटकर अपनी छत पर आ जाएगी।
और मैं?
मैं वह पतंग.......
©abhi_mishra_ -
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People assume you aren’t sick
unless they see the sickness on your skin
like scars forming a map of all the ways you’re hurting.
My heart is a prison of Have you tried?
Have you tried exercising?
Have you tried eating better?
Have you tried not being sad, not being sick?
Have you tried being more like me?
Have you tried shutting up?
Yes, I have tried. Yes, I am still trying,
and yes, I am still sick.
Sometimes monsters are invisible, and
sometimes demons attack you from the inside.
Just because you cannot see the claws and the teeth does not mean they aren’t ripping through me.
Pain does not need to be seen to be felt.
Telling me there is no problem
won’t solve the problem.
This is not how miracles are born.
This is not how sickness works. -
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बेहिसाब गर्मियों की हसीन शाम है इश्क़,
मसरूफ़ सी ज़िन्दगी में जैसे आराम है इश्क़।
एक शहर कि जिसमें, सिर्फ़ तुम और मैं हों,
उस शहर का मुमकिन, बस नाम है इश्क़।
©abhi_mishra_ -
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इस हफ़्ते से जीता हूँ, फ़िर भी अनजान सफ़र पर हूँ,
अब और क़यामत क्या कहूँ, इतवार को भी घर पर हूँ।
©abhi_mishra_ -
abhi_mishra_ 8w
दिल वो है कि फ़रियाद से लबरेज़ है हर वक़्त,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते।
- अकबर इलाहाबादी
ज़िम्मों - ज़िम्मेदारियों
अंजुम - तारा
ताल्लुक़ - रिश्ता
ख़ैरख़्वाह - खैरियत चाहने वाले
महरूम - वंचित
तबस्सुम - मुस्कान
#hindi #hindiwriters #abhimishra️
इस बरस तो घर के ज़िम्मों में ही गुम रहा हूँ मैं,
ज़माने में आप और तू के, जैसे "तुम" रहा हूँ मैं।
दबे हुए से तूफ़ां थे, कुछ चीख़ पड़े सन्नाटे भी,
लेकिन हाँ, माँ की आँखों का अंजुम रहा हूँ मैं।
यूँ तो फ़क़त तन्हाइयों से, ताल्लुक़ रहा है मेरा,
बस ख़ैरख़्वाह और यारों से महरूम रहा हूँ मैं।
कुछ बेसुध सी रातों में, कुछ बेख़ुदी की बातों में,
कभी अश्कों का दरिया, कभी तबस्सुम रहा हूँ मैं।
हर नग़मा सुनकर सोचा, कि मेरी ही कहानी है,
कभी गीतों में, कभी ग़ज़लों में, बस घूम रहा हूँ मैं।
©abhi_mishra_
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मंथन का ये विष अब पीना होगा
बिन अमरत्व की चाह में जीना होगा
©anita_sudhir -
deepajoshidhawan 5h
ज़माना अब viral videos, trending hashtag ,
Social media fan following में उलझ गया है।
घर, परिवार , रिश्ते इन सबकी गरमाहट विलुप्त होने
के कगार पर नज़र आती है।
#hindiwriters @hindiwriters
#hindinama @hindinama
#mirakeeजाने कौन सी मजबूरी के चलते
बुनियादी कम बनावटी ज्यादा हैं
रिश्ते और घर दोनों ही आजकल
मजबूत कम दिखावटी ज्यादा हैं
©deepajoshidhawan -
My love for you like white charysumthemum is pure and the people who think otherwise can go to hell for sure
©piu_writes -
dil_k_ahsaas 5h
" खिड़की "
बूढ़ी और जर्जर खिड़की से धूप रोज़ झाँक कर घर में रहने वालों को ढूंँढती है
बूढ़ा और जर्जर घर रोज़ अकेला ही उस गुनगुनी धूप का स्वागत खिड़की खोल कर करता है।
दिल के एहसास। रेखा खन्ना
दिल के एहसास। रेखा खन्ना
©dil_k_ahsaas -
कोई पूछे जो तेरा 'नाम' मुझसे
सदके में सिर झुका के कह दूँ...
... "मोहब्बत"...!!
©agrawal_diary -
शिकस्त
धूप सूरज के दामन से उतर गई
गिरी पहाड़ों पर और बिखर गई
मैं रौशनी की तमन्ना में बैठा रहा
और जिन्दगी अँधेरों में गुज़र गई
©my_sky_is_falling -
mahtobpensdown 4h
#rains #wod #dailychallenge #mirakee #writersnetwork #sirimiri #drizzle #bflowerc #poem #poets #nature #love #challenge #poetry #pod #repost
@mirakee @writersnetwork
Pic credits - PinterestDrizzle
Scorching heat and scarcity of water
The earth awaits rain, just as a
family anticipates arrival of a daughter!
A lush green apparel decorates the ground
The scenic beauty is a place,
where your lost soul is found!
The mind wanders off to peace in sirimiri
Rains bring comfort, which is very necessary
Songs of love are crooned; as the
atmosphere gets hazy
Flowers bloom; the place gets adorned by daisies
©mahtobpensdown -
purewine_75 4h
कुर्बत में तेरी चाहे शामें ना बितें...
महोब्बत में तेरी ये रुह फना हो चुकी है।।
©purewine_75 -
vasudhagoyal 3h
ज़माने की क़ैद से आज़ाद क्याँ हुएं
हमने ख़ुद से मुलाकात कर ली
दिल और दिमाग की जंग खत्म हुई
भूल कर पुराने दर्द नई शुरुआत कर ली
©vasudhagoyal -
तेरी आँखों का कोई ख़्वाब हो जाऊँ
तू होठों से छू ले तो गुलाब हो जाऊँ
जिसे देख कर मुहब्बत सीखे ज़माना
ग़ज़ल की मैं कोई किताब हो जाऊँ
ये अंधेरे कभी तुझे जो डराने लगे
खुद जलकर मैं आफ़्ताब हो जाऊँ
उम्मीदों की चाशनी में डूब डूब कर
इस ज़िन्दगी का हिसाब हो जाऊँ
तू रहे मुझमें मेरे सवालों की तरह
मैं तेरे सवालों का जवाब हो जाऊँ
- हिमांशु श्रीवास्तव
