जो मर जाऊं तुमसे पहले तो आ जाना मेरी मृत्यु पर और बैठ जाना मेरे सिरहाने, रखकर हाथ अपना मेरे माथे पर अपनी उंगलियां मेरी बालों में फिरा देना और धीमे से कान तक आकर पुकारना मेरा नाम और कह देना अपना प्रेम मुझसे, मैं वहीं से मोक्ष पा जाऊंगा.
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आप कभी अपनी भावनाएं किसी स्त्री को समझा नहीं सकते, वो सुन लेगी पर मानेगी वही जो उसको मानना होगा.. वो तुम्हारी भावनाओं को अपने अनुसार समझेगी, तुम्हारी तरह नहीं...
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विश्वास अंधा है, अनुभव ही सत्य है...
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जो प्रेम करे वही मनुष्य है,
बाकी के क्रियाकलाप तो पशु भी करते हैं. -
दिन तो बदहवासी में निकल जाता है
तुम बिन राते बड़ी मुश्किल के कटती है... -
छोटी पड़ेगी मेरी निन्यानवे खुशियां
वो एक कमी है जो सौ पूरी कर देती... -
भूला के दुल्हन जिसे बैठती है मंडप में
वो चेहरा आख़री फ़ेरे में याद आता है... -
रास आ जाती है तनहाई भी,
एक दो रोज बुरा लगता है.... -
डोर, चरखी, पतंग सब कुछ था,
बस उसके घर की तरफ़ हवा न चली... -
हमारे हृदय किसी पुल के दो सिरे हैं,
जिसकी छांव तले प्रेम बहता है.
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snehagautam 139w
साँसे तुम्हारी भी चल रही हैं,
साँसे मेरी भी चल रही हैं।
महज बातें ही थी कि हम तुम्हारे बिना जी नही सकते!
©snehagautam
