#Abhivyakti80&81
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद कि आप सभी को मेरी रचनाएं पसंद आई और आप सभी से कुछ ना कुछ सिखने का अवसर मिला इसके लिए आभार और साथ ही साथ ढेर सारी शुभकामनाएं @journey_of_life जी को आगे की अभिव्यक्ति की श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए..!!
©soonam
#abhivyakti80
25 posts-
soonam 17w
अब बारी है अगली अभिव्यक्ति के संचालक के चुनाव की बारी.. मैंने सबकी रचनाओं को पढ़ा.. सबने बहुत सुंदर शब्दों में अपने सपनों को व्यक्त किया है.. लेकिन चुनाव किसी एक का हो सकता है इसलिए आगे के संचालक के तौर पर मैं @journey_of_life जी को आमंत्रित करती हूं.. मुझे इनकी रचना पसंद आई और साथ ही ये इस मंच पर मेरे ख्याल से नई हैं तो इन्हें एक मौका जरूर देना चाहूंगी..
So.. congratulations @journey_of_life
& Wishing you all the best for #abhivyakti81
साथ ही साथ मैं @warm_hugs_from_olaf जी को धन्यवाद करना चाहूंगी कि उन्हें मेरी रचना पसंद आई और उन्होंने मुझे इस काबिल समझा कि इस अभिव्यक्ति की श्रृंखला को एक बार फिर मुझे संभालने का अवसर प्रदान किया.. आगे भी कोशिश रहेगी कि मैं इस अभिव्यक्ति के द्वारा अपनी रचनाएं व्यक्त कर सकूं..।।
साथ ही साथ उन सभी लेखकों को भी धन्यवाद जो मेरे द्वारा संचालित #abhivyakti80 में अपनी सुंदर रचनाओं के साथ इस अभिव्यक्ति को आगे बढ़ाने में मेरा सहयोग किया..। -
Sapno ka ghar
Badi khawhishein ni hain meri
Mera ek chotta sa ghar hoga.
Meri hassi ki Ronak or khusiyon
Ka ghar mein ambar hoga
©lovetowrite990 -
Sapana mera
जीवन पथ का ५६ साल हो गया अतीवाहित
प्रथम दस पंद्रह साल की सपना याद से अतीत
सोलह के बाद देखते रहा अनेक रंगीन सपना
बदनसीब हो या कर्महीनता या प्रतिकूल परिस्थितियां
एक भी ख्वाहिश पूरी न हो मिलता रहा परेशानियां
फ़िर भी धैर्य से आगे बढ़ अब पा रहा हूं मोतियां ।
©rnsharma65 -
सपनों का घर!
कुछ ख़्वाहिशें!
चार दीवारों से बना, मेरा सुंदर एक घर हो,
दोस्त, रिश्तेदारों संग, सजा जैसा शहर हो,
हंसी-खुशी से दिल, मिलता रहे सभी संग,
ना दरार, ना मतभेद, बस प्यारा सागर हो,
मंदिर बने हमेशा, माता-पिता के चरणों से,
प्रार्थना बस उन से ही, उनकी ही नजर हो,
नौटंकी हो संग उसके, उससे हर बात हो,
भाई हो छोटा-बड़ा, संग बदलती पहर हो,
छबी मिले उसकी तो, खुशी की लहर उठे,
बिना बहन खाली घर, यहीं पास असर हो,
चाहत कुछ नहीं बिना इसके, ऐसा घर हो,
मेरे सपनों का हकीकत में ये एक शहर हो!
©journey_of_life -
#abhivyakti80 घर
खुली आँखों से अकसर ये दिल इक ख्वाब सुहाना सजाता है
इक घर हो ये दुनियां हम रंगबिरंगे इस गुलिस्तां के गुलशन के फूल बनकर महकते रहें ,,,,,,,,
हर तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत हो वो आशियाना हम बनाते हैं
हम इंसानों में इंसानियत का इक फूल खिलाते हैं
आओ मिलकर इक घर बनाते है ,,,,,,,,,,,,
जहां ना रहे नफरतो के कांटे जहां ना रहे भेदभाव की लकीरें
आओ हम सब मिलकर इस सारी दुनियां को इक घर बनाते है
इक जमीं इक आसमां चाँद सूरज को गवाह बनाते है
पेड़ पौधे जीव जंतु सब की पनाह में हम खुदा से ये दुआ की अर्जी लगाते हैं
आओ हम सब मिलकर इक घर इक आशियाना सजाते हैं
©goldenwrites_jakir -
mittal_saab 17w
ps- (साला अगर हमारी गर्ल फ़रेंड होती तो इसे पढ़ के हम ही से बियाह करती जबरजस्ती!)
#बेरोज़गार_आशिक़
#Prem_Mai_Purush
#abhivyakti80
#Umeed51ए सुनों,
मुझे तुम हमेशा उतनी ही पसंद रहोगी जितनी के आज हो। हमेशा, जब तुम्हारे बाल पकने शुरू होंगे और झुर्रियां गालों को घेर लेंगी तब भी। हाँ तब भी जब तुम्हारे दांत टूटने लगेंगे और बिना चश्मे के तुम कुछ भी(सिवाय मेरे) पहचान नही पाओगी! जब अपने दो जुड़वा बच्चे होंगे और तुम सोचोगी के अब तुम और मोटी हो गयी हो तो भी।
जब तुम खाने के बाद जोर से डकार मरोगी और फिर मुझे देख जोर से ठहाके मरोगी तो भी, जब बिन काजल के मुझे देख इतराओगी तो भी। जब तुम कहोगी के अब तुम्हारी लेखनी में वो बात नही तब भी और जब तुम मेरी किताब में अपने किस्से पढ़ के खिलखिलाओगी तब भी...
तुमसे प्यार है जानां, तुम्हारी आवाज से, तुम्हारा मेरी बाँहों में सिमटने सेे, मेरी उंगलियों में तुम्हारी उँगलियों को उलझाने से, मेरे होंठो को चूमने से.. और तुम्हारे प्रेम करने के हर अंदाज़ से।
तुम्हारी हर अदा से, हर खता से और तुमसे..
©mittal_saab -
चिट्टी
कई बार मैं चाहता हूँ कि तुम्हारा हाथ थाम कर देर तक बैठा रहूँ लम्बी चुप्पी के दरमियां जब बोलू तो तुम्हे ये बता सका हूँ कि दुनिया असल मे वो नही है जो दिखती है लोगो ने अलग-अलग रंग रूप के नकाब लगा रखे है.. मगर तुम अब पास नही तो चुपचाप बैठ कर अकेले ही इस तमाशे को देख रहा हूँ जिंदगी का ये मेला अपनी रफ्तार से चल रहा है और हम जैसे खाली जेब वाले इस मेले के सिर्फ तमाशबीन बने रह सकते है बस और क्या लिखूं... यूँ समझ लो तुम्हारी जरूरत शराब के तलब की तरह हो गयी है..तुम्हारा मेरे पास होना बेहद जरूरी है, और इस बीमारी के संकट काल मे फिर कब तुमसे मिलना होगा, निहारना होगा। खैर जाने दो..वैसे भी एक शराबी की सारी लत पूरी तो नही की जा सकती ना..?
अच्छा सुनो!... लोब जू ❣️
©mittal_saab -
.
Suno Ladkiyo.. !! Tumhare liye
लड़कियाँ चाहे आसमान को भी छू ले. सफलता के कितने ही नए आयाम क्यूँ न रच ले. जब बात प्रेम की आती है, उन्हें अपने महबूब से सिर्फ़ और सिर्फ़ मुहब्बत ही चाहिए होती है.
ये लड़कियाँ चाहें बना ले कितनी ही बातें. बन जाएँ चाहे किसी मल्टीनेशनल कम्पनी की हेड. मगर उन्हें भी दिन ख़त्म होने पर चाहिए महबूब की बाँहें सोने के लिए.
लड़कियाँ कभी भी उन सपनों को छोड़ ही नहीं पाती जिन्हें वो पहली बार देखतीं हैं. शायद स्कूल के आख़िरी सालों में या कॉलेज के पहले साल में.
उन्हें मुहब्बत में महबूब से ढेर सारी बातें करनी होती हैं. बातें ऐसी जिनका ज़िंदगी से भले कोई वास्ता न हो, मगर जीने के लिए सबसे ज़रूरी वही लगती हैं.
कई बार वो जानती हैं कि जिनके साथ वो चल रहीं हैं, वो उनका हमसाया तो है मगर हमसफ़र नहीं बन पाएगा.
फिर भी ये लड़कियाँ देखती हैं सपने बड़ी-बड़ी खिड़कियों वाले घर की. साँझ वाली चाय और गज़रे की फूलों की.
सफ़ेद चादर में लिपटी महबूब के होंठों से उतरते इतवार की. सुनहरे गोटे वाली साड़ी और सिंदूर की. लाल बिंदी और मेहंदी के रंगों की.
इनका कुछ नहीं हो सकता. ये तमाम उम्र सपनों को चुप-चाप आँखों के कोर पर छिपाए चलती ही जाती हैं. चलती ही जाती हैं.
...... मंज़िल से दूर. बहुत दूर!
©mittal_saab -
soonam 19w
अपनी मेहनत से मैं
अपना आशियाना बनाउंगी
कि..अपने प्यार, लगन और पूरी उम्मीदों से
अपने सपने के घर के
एक एक कोने को सजाऊंगी मैं..।
मेरे सपनों का घर.. कुछ ऐसा होगा
जहां सिर्फ मेरे अपने होंगे..
हकीकत में ना सही..पर..
मेरे दिल के साथ
मेरे घर के हर तस्वीरों में बसे होंगे..।
एक ऐसा घर..
जिसके हर कोने में मेरे प्यार की खुशबू होगी
साथ भले ही उनका जहां तक रहे
मेरी जिंदगी के साथ.. हमेशा..
मेरे घर में भी उसकी एक अपनी ही जगह होगी..।❤️
मेरे सपनों का घर..
जहां हर चीज पर मेरा हक होगा
मेरा काम और मेरा ही नाम होगा
जहां मैं अपनी छोटी छोटी खुशियों को पूरा कर सकूंगी
जहां मैं अपने मां-बाप को पूरे हक से रख सकूंगी..।
©soonam
#abhivyakti80
@writersnetwork @writerstolli @mirakeeघर
मेरे सपनों का घर..कुछ ऐसा होगा..
जो हर तरफ से..प्यार और खुशियों से सजीं होंगी..!!❣️
©soonam -
tiwaripriti 19w
सपना
हर लड़की का इक सपना होता है
मिल जाय उसको भी प्यारा सा
घर संसार
परिवार के सभी लोगों का
वह रखे हरदम ध्यान
रानी बनकर रहे और
करे सब के दिलो पर राज
ना हो कोई भी गम के आँसू
अधरो पर सिर्फ़ रहे मुस्कान
पर क़िस्मत कहाँ सभी का साथ देती है
होता वही है जो इन हाथों की
लकीरों में लिखा होता है
किसी को मिलता है
सबसे खुशहाल परिवार जहाँ होता है
उसकी हर इच्छा का सन्मान
जो सपना उसने है बूना वो पूरा होता
किसी को मिलता है
ऐसा परिवार जो हमेंशा करता
उसपर सिर्फ अत्याचार
कभी तो तानो से भरा कटु वार होता
तो कभी उसे निर्दयता से मारा जाता
हे ईश्वर किसी के सपने यदि पूरे ना
भी हो तो चल जाता है
पर उसपर जो होता
अपने ही परिवार का
अत्याचार वो कभी ना होता
काश सभी के सपने रंग लाते और
चहूंदिश होता खुशियों से ही भरा मंजर
©tiwaripriti -
tiwaripriti 20w
सपना
सपनो की दुनिया बड़ी
निराली होती है
कुछ बंद आंखों से ही
तो पूरी दुनिया की
सैर कर जाते हैं
पंख पसारे आसमान में
वे खो जाते हैं
सब संभव हो जाता है
स्वप्न भरी उस दुनिया में
कुछ तो दिन में ही
अपना सपना बुनते हैं
और उसे पूरा करने के लिये
दिन रात मेहनत करते हैं
जब तक ना हो सपना पूरा
तब तक नहीं वे रुकते हैं
सपना जब हो जाये साकार
फिर ही वे चैन की सांस लेते हैं
सपना देखने का
और उसे साकार
करने का सभी को है
पूरा अधिकार
सपना देखो
ओ मेरे प्यारो
और उसे हकीकत
में ढालना भी सीखो
कभी नहीं तुम हिम्मत हारो
गर है हौसला बुलंद तो
होगा जरूर ही इक दिन
पूरा ये सपना सुनहरा
सोच हमेशा अच्छी ही रखना
कभी न तुम पीछे हटना
©tiwaripriti -
मैं नही जानता
मैं नहीं जानता की जब हम मिलेंगे
तो किस तरह की बातें करेंगे
मैं तो अभी ये भी नहीं जानता की
हम जल्दी से मिलेंगे भी या नहीं
मैं नहीं जानता जब हम मिलेंगे तो
तुम मुझे किस तरह देखोगी और
मैं तुम्हें देख भी पाऊँगा या नहीं
मैं नहीं कह पाऊँगा तुमसे तब की
तुम कुछ देर को अपनी आंखें बंद कर लो
मैं तुमको नज़दीक से देखना चाहता हूँ
मैं नहीं जानता आज
जितना मैं तुमको ख़ुद में जानता हूँ
तुम उतना मुझको महसूस कर पाती हो या नहीं
पर मैं जानता हूँ तुम मुझे यक़ीन दिला दो कि
तुम मेरे प्रेम को आत्मा के हिस्से की तरह
संभाल सकती हो
मैं नहीं जानता तुम मेरे हो भी या नहीं
तुम मेरे रहोगे भी या नहीं
मैं बस हर रोज़
तुम्हारे उठने का इंतजार करता हूँ
ताकि किसी एक सुबह
सबसे पहले तुम्हारी नींद में डूबी
दरदरी आवाज़ में 'गुड मॉर्निंग जान' सुन सकूँ
मैं जानता हूँ मेरी बातों को तुम कभी कभी
नासमझ प्रेम की तड़फ समझ कर
यूँ ही टाल भी देते हो
मैं बस तुमसे कहना चाहता हूँ
मेरे प्रेम के समझदार होने से पहले
मुझे अपनी बाहों में भरकर चूम लेना
मैं चाहता हूँ तब तुम महसूस कर सको कि
किसी को यूँ ही चूम लेना आसान नहीं
कुछ स्पर्श युगों पहले चल चुके होते हैं और
नाम उम्र चेहरा देखे बिना
पहुँच जाते हैं उस एक पल तक जब
कोई किसी से कहता है
मैं नहीं जानता जब हम मिलेंगे तो
किस तरह मिलेंगे..
©mittal_saab -
मृत सपनों की वैश्याएँ
मेरे हाथों में खून लगा होता है। हर रात जब मैं सोता हूँ, तो अपने घाव उधेड़ देता हूँ, उनसे बहते रक्त को अपने हाथों में लेता हूँ और अपनी ज़ुबां से लगाकर चख लेता हूँ कुछ ज़ख़्म। दर्द होता है, दर्द पीकर भी।
आप पूछेंगे कि ये घाव किसके हैं?
सच कहूँ तो ये घाव उन सपनों के हैं जो मेरे बिस्तर पर नग्न निर्बल वैश्या की तरह पड़े रहते हैं। मैं उन्हें अपने आगोश में लेता हूँ, और सपनों की ये वैश्या मिलन के दौरान अपने लंबे नाखूनों से मेरा खून बहाती जाती है, बहाती जाती है।
हर सपना टूटता है साहब, सपनों के ज़मीर नहीं हुआ करते, सपने जुबान नहीं दिया करते अपने पूरा होने की।
कई बार तो यूं होता है कि जब ये वैश्या मुझसे मिलान की नामंजूरी देती है, मैं इन्हीं खूनी हाथों से घोंट देता हूँ गला उसका और सुला देता हूँ उसे मौत की नींद।
कई लाशें है मेरे कमरे में, जो वजूद की सतह पर बस, बदबू कर रही हैं।
अगले दिन?
अगले दिन क्या? फिर एक नया सपना, फिर एक नई वैश्या।
तो क्या, सपने भी ना देखे जाएं?
©mittal_saab -
मैं तुम्हें वैसे प्यार करना चाहता हूँ,
जैसे कोई पिता अपने छोटे बच्चे को प्यार करता है,
बिना किसी उम्मीद, बिना किसी रिटर्न की सोचे
बस सिर्फ़ प्यार देना चाहता हूँ
ये बिलकुल ज़रूरी नहीं कि बदले में तुम भी मुझे ऐसा ही प्यार करो मेरी जान.
मुझे रहने दो तुम्हारे प्यार में!
©mittal_saab -
जिसे होना था तुम्हारे साथ तुम्हारे घर की उस छोटी सी किचन में. किसी इतवार की साँझ को तुम्हारी लायी काली साड़ी और लाल सिंदूर में. जिसे तुम कहने वाले होते,
“सुनो न चाय बनाओगी अदरक वाली!”
और तुम्हारे कहने से पहले वो दो कप चाय लिए तुम्हारी तरफ़ चली आ रही होती. तुम लिखना छोड़ कहते,
“कैसे जान जाती हो मेरे मन की हर बात बिना मेरे कहे!”
वो तुम्हें चाय का कप पकड़ा बस मुस्कुरा कर बोसा ले लेती तुम्हारे सूखे होंठों का. और तुम उसकी हथेली को थाम ख़ुद को दुनिया का सबसे ख़ुशक़िस्मत शख़्स समझते...
... मगर अब वो, वो हो नहीं सकती. वो बस उग सकती तुम्हारी उँगलियों में. तुम्हारे क़िस्सों और कहानियों में!
#प्रतीक्षा_में_प्रेम
©mittal_saab -
प्रेमिकाएँ नहीं मिलना चाहतीं हैं अपने महबूब से
तुम्हारी बनाई इस रिवाज़ी दुनिया में,वो मिल लेती हैं
रात को सोयी आँखों के जागते ख़्वाबों वाली दुनिया में,जहाँ नियम-क़ायदों की दुकान नहीं होती बस महबूब होता है,मुहब्बत होती है
आँखें होती हैं
और चूम कर उनसे सपने चुनते एक जोड़ी होंठ!
©mittal_saab -
प्रेम पत्र
सुनो
क्वॉरंटाईन ख़त्म होने के बाद शायद अक्टूबर में आऊँगा तुम्हारे पास,
तुम्हारे शहर को अपना शहर बनाने, तुम्हारी गलियों को
हमारी गलियाँ बनाने
तब तक के लिए अपना ख़्याल रखना
और बादलों को चूमने देना ख़ुद को
मैंने भेजे हैं अनगिनत बोसे
जो चूम लेंगे तुम्हारी आत्मा को
भीग़ जाओगी तुम प्रेम में
और तब तुम अकेली नहीं होगी
मेरी जान!
©mittal_saab -
सुनो
और जब ख़त्म हो जाएँगे दुनिया के सारे झगड़े,
तुम फिर मुझ पर शक कर के शुरुआत करना!
जब दुनिया में बातें न होंगी, कोई मसले न होंगे,
फिर तुम "और बताओ" बोल के प्रहार करना!
और जब ग़ालिब न होंगे, गुलज़ार न होंगे,
तुम "ए सुनों" कहकर मेरे क़िस्सों को पढ़ना!
जब जब होगी दुनिया में मोहब्बतों की गर्दिश,
अपना नाम मेरे नाम से जोड़कर इंतिलाह करना!
जब ख़त्म हो जाएँगे दुनिया में इश्क़ के क़िस्से,
मुझे देख मुस्किया कर तुम इकरार करना..
©mittal_saab -
सुनो लड़कियों
अगर तुम कभी प्रेम करो
तो चुनना उसे अपने लिए
जो जानना चाहे
तुम्हारा पसंदीदा रंग,
जिसे दिलचस्पी हो इस बात में
कि तुम्हें कॉफ़ी का कैसा स्वाद पसंद है,
तुम उसके साथ प्रेम में पड़ना
जिसे तुम्हारे हंसने के अंदाज़ से प्रेम हो,
जो सुनें तुम्हारे दादा-दादी की प्रेम कहानियाँ
उकताए बिना,
और जो टिका दे अपना सर तुम्हारी छाती पर
धड़कनों के गीत को सुनने के लिए,
तुम उसे अपना प्रियतम चुनना
जिसे शर्मिंदगी न हो
भरे बाज़ार में तुम्हारा हाथ थामने से,
जो चुम ले तुम्हारे माथे को सरेआम
और कह दे ज़माने से कि
उसे गर्व है तुम पर,
तुम प्रेम उसी से करना
जिसे फ़िक्र हो तुम्हारी
जो सवाल करे तुमसे कि
आखिर वज़ह क्या रही होगी
जो तुम्हें प्रेम करने से रोकता था
डर किस बात से रही थी तुम?
फिर तुम उसका साथ कभी न छोड़ना
जिसकी ख़्वाहिश ही इतनी हो कि
उसकी हर सुबह तुम्हें देखने से हो
और रात तुम्हारे साये तले उतरे
तुम किसी ऐसे प्रेमी का इंतज़ार करना,
प्रेम करने के लिए!
©mittal_saab -
स्त्रियाँ अब ऐसे महबूब की कल्पना नहीं करती
जो चाँद को उसका कंगन कर दे
तारों से उसकी माँग सजा दे.
अब चाहती हैं वो
एक ऐसा प्रेमी
जो पिरीयड में
उसकी हथेली थामें
देर तक उनसे बातें करता रहे,
बजाय किसी महँगे रेस्तराँ ले जाने के
वो वीकेंड पर अपनी हाथों से
जली हुई ही सही रोटियाँ बनाएँ,
पहाड़ तो माँझी पहले ही तोड़ चुके हैं
अब बस घर के कामों में
वो हाथ बटाएँ
खाने के बाद अपनी प्लेट ख़ुद धो लें
टेबल पर बची हुई सब्ज़ी फ़्रीज़ में रख आयें,
©mittalsaab