नज़्म..!
तू भर ले बाहों में मुझे मैं तुझ में उतर जाऊँ!
ओढ़ लूँ तेरा जिस्म मैं तुझी से सवँर जाऊँ!
ज़िंदगी के आख़िरी लम्हात में दीद दिखाना!
काश ऐसा हो कि तू आए और मैं मर जाऊँ!
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#chandanvibes
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chandansharma__ 80w
Khudko jaise taise, main khud hi, bahla leta hun!
Khud se roothta hun phir khud ko manaa leta hun!
Udaasi had se gujarti hai jab v kabhi ab!
Mai apne jakhmon ko kuredkar maza Leta hun!
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ख़ुदको जैसे तैसे ,मैं ख़ुद ही ,बहला लेता हूँ!
ख़ुद से रूठता हूँ फिर ख़ुद को मना लेता हूँ!
उदासी हद से गुज़रती है जब भी कभी अब!
मैं अपने जख़्मों को कुरेदकर मजा लेता हूँ!
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इश्क़ है -13..!
चल कर देखा तो जाना मैंने कितनी मशक़्क़त है!
इश्क़ को काँटों भरा राह यूँही नहीं कहा बुज़ुर्गों ने!
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बेकारी.. !
रोज़मर्रा जाने कितनी ज़िन्दगी खा रही है बेकारी!
शहर शहर गाँव गाँव तबाही मचा रही है बेकारी !
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chandansharma__ 81w
#Thoughtoftheday
किसी आँख में पलते हुए ख्वाबों सा रहते हैं!
हम अपने छोटे से हुजरे में नवाबों सा रहते हैं!
काँटों को भी इश्क़ के रंग में रंग देते हैं हम!
जानेमन हम आदतन इन गुलाबों सा रहते हैं!
Kisi aankh mein palte huye khwaabon sa rehte hain..!
Hum apne chhote se hujre mein nawaabon sa rehte hain..!
Kaant'on ko bhi ishq ke rang mein rang dete hain hum..!
Jaan-e-man'n hum aadatan in'n gulaabon sa rehte hain..!
#jaajib #writingheart #chandanvibes #mirakeelove #mirakeewriters #mirakeewritings #khwaab #nawaab #gulaab #ishq #love #lovevibes @writersnetwork @writerstolli @mirakee @mirakeeworld1 मतला 1 शेर..!
किसी आँख में पलते हुए ख्वाबों सा रहते हैं!
हम अपने छोटे से हुजरे में नवाबों सा रहते हैं!
काँटों को भी इश्क़ के रंग में रंग देते हैं हम!
जानेमन हम आदतन इन गुलाबों सा रहते हैं!
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ज़िंदगी..!
लाख ग़मों में से अपनी खुशी ढूँढ लेती है!
अपना दर्द छिपाने को हँसी ढूँढ लेती है!
तन्हा रातों में करती सवालात ख़ुद ही से!
कैसे भला हर दफ़ा उसे बेबसी ढूँढ लेती है!
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नज़्म..!
यहाँ मुहब्बत मुहब्बत को आवाज़ लगा रही है!
और वहाँ नफ़रत अपने सर पे ताज लगा रही है!
ज़िन्दगी-ए-फ़फ़स में क़ैद कर ले न जाये सय्याद !
रोको उसे वो जो आसमाँ में परवाज़ लगा रही है!
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chandansharma__ 86w
Najm..!
हमको देख जब कभी वो मुस्कुराती है!
पहले साँस रूकती है फिर जान जाती है!
चाँदनी दंग है उसकी तर्ज़ ए हया देखकर !
चाँद को घूँघट बनाकर जानेमन शर्माती है!
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हिज्र..!
जाने कहाँ से आया इल्म़-ओ-हुनर ये!
"जाज़िब" लगता है कि हिज्र का असर है!
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chandansharma__ 87w
डर..!
न तो ज़लज़ला न ही
किसी तूफ़ाँ से डर लगता है!
हमें तो यारों अपनी
आफ़त-ए-जाँ से डर लगता है!
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chandansharma__ 87w
मतला..
ज़िन्दगी इस क़दर जाँ सताती रही!
जान आती रही जान जाती रही!
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Sher..
मेरे इश्क़ को सनम यूँ नाकाम कर के!
चली गई क्यों तू मुझे गुमनाम कर के!
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chandansharma__ 93w
पयाम ए जाज़िब
ऐ हवा तुम अपने जिम्मे मेरा ये काम ले लेना...
तुम सनम के दर तक मेरा इक पयाम ले लेना...
तुम सफ़र के मुताबिक अपना सामान ले लेना...
कहीं ग़र मुश्किलें आये माँ का नाम ले लेना...
ऐ सरहद पर जाने वाले जवानों ज़रा सुनो..
तुम जाते-जाते उस माँ को मेरा सलाम ले लेना..
दुश्मन ग़र जो देखे बुरी नज़र से हमारे वतन को...
ओ वीर जवानों तुम उसकी जान सर ए आम ले लेना...
मुसाफ़िरों के भरोसे तुम रहना मत सफ़र में...
अपने साथ ही तुम अपना सारा इंतज़ाम ले लेना...
महबूब को रुसवा मत होने देना प्यार में 'चन्दन'..
तुम अपने सर उनकी गुनाहों का इल्ज़ाम ले लेना...
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chandansharma__ 93w
तुम सिर्फ तुम!
मैं बारहा लिखता हूँ मिटाता हूँ ,तुझे!
यूँ मैं अपने सुख़न में दोहराता हूँ ,तुझे!
दरमियाँ बढ़ते फ़ासलों से मुझे क्या!
मैं हर लम्हा अपने दिल में पाता हूँ ,तुझे!
तू सुनती नहीं सदा इसमें मेरी क्या ख़ता!
मैं तो चीख-चीख कर बुलाता हूँ ,तुझे!
ग़र हो इजाज़त तो इक सवाल लिखूँ!
क्या कभी कहीं मैं भी याद आता हूँ ,तुझे!
इक़रार फिर इनकार ये खिलवाड़ क्यों जानाँ!
कह दिया होता कि मैं नहीं भाता हूँ ,तुझे!
हर्फ़ दर हर्फ़ "जाज़िब" के चर्चा बस तेरा है!
अपने बेबहर ग़ज़लों में गुनगुनाता हूँ ,तुझे!
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chandansharma__ 93w
ग़ज़ल
मुझे मेरे गाँव की ये कलियाँ परेशान करती है..
कि महबूब की वो तंग गलियाँ परेशान करती है..
जबसे हुआ हूँ मैं तन्हा क्या बताऊँ यारों..
ये सागर नहर और ये नदियाँ परेशान करती है..
विरान लगती है अब तो हर महफ़िल मुझे..
मुझे ये पहाड़ झरने और वादियाँ परेशान करती है..
दिल में ही दम तोड़ देती है मेरे दिल की सदायें..
ये फ़ासले है जो हमारे दरमियाँ परेशान करती है..
बेसबब ही साथ छोड़ जाते हैं नाते तोड़ जाते हैं..
मुझे टुटती हुई रिश्तों की ये डोरीयाँ परेशान करती है..
है इश्क़ ऐसी बला 'चन्दन' जिसकी जोड़ ना कोई..
कभी नज़दीकीयाँ तो कभी दूरियाँ परेशान करती है...
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chandansharma__ 93w
Najm
Tu sharmaye hai to ghata barasti hai..
Teri Ek jhalak ko yeh aankhein tarasti hai..
Muskaan teri hai badi kaatilana jaaana..
Kar k Mera katl dekh kaise hansti hai..
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chandansharma__ 94w
Najm.
है आँखों में तुम्हारी इतनी गहराई कि
मैं डूब ना जाऊँ डरता हूँ..
चेहरे हसीन लाख देखे पर मैं
तुम्हारी भोली सूरत पे मरता हूँ..
क्या करूँ क्या नहीं कह भी दूँ या
नहीं दिन रात यही सोचता हूँ..
तुम्हे पता है ना जानेमन जानेजाँ
मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ...
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chandansharma__ 94w
नज़्म!
हम दोनों जब भी एक हुए यूँ हुआ!
हर दफ़ा मेरे हाथों ही मेरा खूँ हुआ!
बेक़रारी बढ़ाती रही वस्ल सदा ही!
हिज्र अक्सर राह ए पूर सुकूँ हुआ !
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chandansharma__ 111w
इश्क़ है-12..
कुछ तो लिहाज़ हो..
जानेजाँ..
मिरे उल्फ़त की..
कि मैं इक उम्र से..
जी रहा हूँ..
तुम्हें खुदमें ही..
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chandansharma__ 111w
इश्कबाज़...
सबब पुछते हैं सब मेरी इस ख़ुमारी का मुझसे..
कोई तो इन हसीनों से कहे..
कि यूँ हमें आँखों के ये जाम पिलाया ना करें..
©chandansharma__