झरोखा।
मैंने ख़ुद को देखा हैं इक बदन से अक्स होते हुए तन्मय
बाकी फ़िर जिसने भी देखा हैं देखा है अपने अपने झरोखे से।
©tanmaypandya
#dhokha
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tanmaypandya 1d
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tanmaypandya 1d
भीड़।
मैं इतनी भीड़ में भी नहीं की तन्हा रह जाऊँ
तन्मय
मगर इतनी भीड़ जरूर हैं कि कुचल दिया जाऊँ।
©tanmaypandya -
tanmaypandya 1d
काग़ज़ पर।
कागज़ की दुनिया है यहाँ सब कागज़ी है
इक से लोग है ये कौन सरहदे खींच गया कागज़ पर
कोरे पैदा होते हैं इक दिन कोरे मर जाना है
ये कौन पहचान दे गया कागज़ पर
आज़ाद है सब यहाँ और उसका जश्न भी मनाते हैं
कौन कितना आज़ाद है ये लिखा हुआ है कागज़ पर
पेड़ कट रहे है जल्दी पानी भी सुख जाएगा
कोई खुश हैं जंगल और दरिया बना कर कागज़ पर
पर निकल आए है लोगो के सबको उड़ना है
कोई खुश हैं चिड़िया उड़ा कर कागज़ पर
ये जो भी तुर्रम खां थे सब इक दिन भुला दिये जायेंगे
ज़माना बस उन्हें याद रखेगा जो नाम रहेंगे कागज़ पर।
तन्मय
©tanmaypandya -
Sadi zindagi
Ishq vich dhokha milda saokha
Ishq hove sacha ghar ni dekhida kacha
Yaari lake nibhai di a vich ni shadi da
Chahe lakh miljan nave par purane sajan nu ni shdi da
©joker786110 -
tanmaypandya 1w
लड़कपन।
तु ओढ़े तो तेरा लिबास मखमली
तुझे गुलों से सजा दस्तकार हो जाऊँ
शोर हूँ इस सदी का मैं दर्द सा कराहता
तेरे लिये खामोशी की सदा हो जाऊँ
वैसे तो ला-वज़ूद हूँ मैं साकी
तु पैमाना बढ़ा तो मैं जाम हो जाऊँ
अधूरा हूँ जैसे ख्वाब हूँ आदम का कोई
तु आँखों में बसा ले तो पूरा हो जाऊँ
ये समझ के फ़ेर में उम्र बढ़ी सी लगती है
तेरी नौसिखि में फ़िर से वहीं लड़कपन हो जाऊँ
मैं आदमी हूँ मुझमे एब बोहोत है
तु सराहे मुझे तो मैं ख़ुदा हो जाऊँ
रुख़सत हो फ़िर तु बदन से कहिं
जिस्म से मैं भी फ़िर जुदा हो जाऊँ
तन्मय
©tanmaypandya -
tanmaypandya 3w
किसी दिन।
चुपचाप बिन कहें आओ किसी दिन
बेताबी को मेरी घटाओं किसी दिन
दिल काँच का टूटा रोशनदान है मेरा
इसे रंगीनियत से सजाओं किसी दिन
तारों सा मुझे आसमां में बिखेरों
जमीं सा मुझे निखारों किसी दिन
पतझड की तरह सुखा दो मुझे
और सावन की तरह भीगाओ किसी दिन
गुज़रे जो गली से बाग-बाग हो जाये
तुम मिरे इस मकां को महकाओं किसी दिन
चाँद की चाँदनी भी फ़िर फीकी लगे
तुम यूँ रोशनी से नहलाओं किसी दिन
जुड़ जाये फ़िर जो टूटा-फूटा सा हैं
तुम यूँ गले से लगाओं किसी दिन
बे-वक़्त के भी वक़्त से पहले मंडराये
तुम महफिल में शिरकत ले आओ किसी दिन
कोई राज़ नहीं तुम इतनी पैंचिदा क्यूँ हो
मुस्कुरा कर मुझमे घुल जाओ किसी दिन
गहराईंयाँ बढ़ती हैं अंधेरों में जैसे
तुम ख़ुद को मिटा मुझमे बढ़ जाओ किसी दिन
दस्तक पर तो दरवाजे भी खुल जाते हैं
मेरी आरज़ू पर बंदिशें खोल आओ किसी दिन
इक शख्स हूँ मेरी कोई शख्सियत नहीं
तुम तन्मय को मशहूर कर जाओ किसी दिन
तन्मय
©tanmaypandya -
tanmaypandya 3w
नहीं जा रहा।
इक लम्हा था जो थामना था मुझे
इक लम्हा हैं जो काटा नहीं जा रहा
मिला था जो खैरात में मुझे ये रुबाब
देखों ये मुझसे अब बाँटा नहीं जा रहा।
तोड़ मरोड़ के जो बयां किया था उसने
हक़ीक़त क्या थी उससे कहा नहीं जा रहा
बोहोत काम था और उसके हाथों में मेहंदी लगी थी
उनसे हाथ मिलाया नहीं जा रहा हाथ बँटाया नहीं जा रहा।
कड़ी मेहनत करते हैं लोग उन्हें नींद नहीं आसान
तुम्हें रात मुक्कमल हैं और तुमसे सोया नहीं जा रहा
सूरदास अंधे थे फ़िर भी दोहों में कृष्ण बाँध गये
यहाँ आँख वालों से सुई में धागा पिरोया नहीं जा रहा।
तन्मय
©tanmaypandya -
tanmaypandya 3w
मुक़द्दर।
वो अलविदा कह चल दिया यूँ
पलटता तो शायद जा नहीं पाता
मैंने भी रोका नहीं उसे जाते हुए
पीछे से टोकना अच्छी बात नहीं
©tanmaypandya -
Suna hai ...
Tere shahar mein channe walon ka kirdar bohat hai ..
Jeet ka bharosa nahi ,magar haar bohat hai ..
Ki hazzar dil tote aurlakhon ashiq khade hai..
Chalo ishq karlo iss sode mein wappar bohat hai.. -
preranarathi 5w
गलती
ईश्क का पानी चढ़ा कर दगा कि थी,
मुहब्बत की आड में बेवफ़ाई कि थी।
भरोसे का मुखौटा पहन कर धोखा आया,
गलती तो हमसे हुई,
जो उन्हें समझने में हमने इतना वक्त लगाया।
- प्रेरणा राठी
©preranarathi -
tanmaypandya 5w
अच्छा लगा।
किसी का आना अच्छा लगा किसी का जाना अच्छा लगा
तन्हा राहों में अजनबियों से घुल मिल जाना अच्छा लगा।
किसी ने मेरी नजर थाम ली कोई मुझे तकता रहा दूर से
किसी का मुझे सोच यूँ मुस्कुराना अच्छा लगा।
बोहोत तेज़ बरसा आसमां अंधेरा समेटे हुए
गिरती बारिश में अचानक धूप का खिल जाना अच्छा लगा।
जिन्दगी यूँ ही गुज़र गयी कब सोचा मैंने
जब सोचा तो वक़्त का यूँ गुज़र जाना अच्छा लगा।
कायनात ने तो ढेरों रंग भर दिये जहाँ में
मुझे तितलियों का तुम पर मंडराना अच्छा लगा।
वैसे तो ख्वाबों में तुमसे रोज़ गुफ़्तगू होती हैं
आज तुम्हारा रूबरू आ जाना अच्छा लगा।
और हो क्यूँ नहीं तुम्हारा जिक्र महफ़िलों में
तन्मय तुम्हारा नाम ओढ़े हर शख्स अच्छा लगा।
©tanmaypandya -
tanmaypandya 6w
आमंत्रण
मुझे लगा कि निमंत्रण हैं तो आमंत्रण निकला
तन्मय
वो अजनबी सा शख्स मेरे दुर के रिश्ते में निकला।
आमंत्रण : Invitation we give in blood relation
निमंत्रण : Invitation we give out of blood relation
Credits : दर्पण
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tanmaypandya 6w
दिलकशी
लिखने वाले तेरे बारे मे जाने क्या क्या लिखते हैं
मोहब्बत बेवफाई वीरानी जाने क्या क्या लिखते हैं
तु मुझसे जब रुबरु हुआ तो कुछ बचा ही नहीं लिखने को
मैंने फ़िर तेरी आँखों में पढ़ा कि तुझ पे क्या क्या लिखते हैं।
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tanmaypandya 6w
खलल।
नींद में खलल पड़ता है तु दरवाजा ना अड़ा
दरवाजे खुले रख छोड़े हैं फ़िर तु जब आये।
इज्ज़त-ओ-वहम की बड़ी ताबिश हैं जहाँ में
जो है ही नहीं उसपर भी आँच ना आये।
रहे हम बंद जैसे गुलाब रहे किताबों में
ना तुम्हें जुबाँ आयी ना तुम उसे पढ़ने आये।
अब ना जागे हम ना वो भौर आये
ना कोई ढूँढे हमे ना कोई इस और आये।
तन्मय
©tanmaypandya -
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कोहरा।
कुछ जमीं हैं धुआं धुआं
कुछ धुआं धुआं आसमां हैं
फ़िर जमीं और आसमां के बीच मिलो फैला हुआ है धुआं धुआं
ऐसा नहीं हैं कि कोहरा बढ़ गया है कि ठंड बढ़ गयी है
कोई रो रहा हैं कंबल मे उसे सुकूं नहीं है
कुछ जमीं हैं धुआं धुआं
कुछ धुआं धुआं आसमां हैं
फ़िर जमीं और आसमां के बीच मिलो फैला हुआ है धुआं धुआं।
©tanmaypandya -
tanmaypandya 7w
मिर्ची
ये जो मिर्च मसालों से शुरू हुआ था कारवाँ
तन्मय
देखों कहाँ आ गया जहाँ बढ़ते-बढ़ते।
©tanmaypandya
They say the trading of spices were started around 4000 years ago and after that not only spices but art, language, culture, technology what not made us all connected globally and transform the earth as an economic village.
कारवाँ - I used it here as Journey, journey of people and trade they carried out
जहाँ - the world, the countries -
tanmaypandya 7w
कोई
ख़ुद हो कर बर्बाद तन्मय
किसी को आबाद करता हैं कोई
रिहा हो कर भी क़ैद हों जैसे
ऐसे भी आज़ाद करता हैं कोई
तन्मय
©tanmaypandya -
tanmaypandya 7w
अंततः
फलक से टूट गर्दिश सही
सितारे हैं सितारों मे जाएँगे
बात जब भी बोलेंगे खरी-खरी बोलेंगे
मगर कुछ लोग हैं कि बुरा मान जाएँगे
जिन्दगी ज़ालिम हैं बड़ी ये तो सब जानते हैं
अमीर हो या गरीब इक दिन मर जाएँगे
उनकी इक अदा हैं मुस्कुराना वो मुस्कराएँगे
गलतफहमी में जाने कितनों के दिल टूट जाएँगे
कितने रंग हैं कायनात में फ़िर भी मायूस हैं कुछ लोग
कुछ इन्हीं रंगों से कैनवास को सजाएँगे
कुछ शज़र रहने दो यहाँ शहर ना बसाओ
कल खिड़की ना खुली तो पंछी दरख्तों को जाएँगे
तन्मय तुम मिट्टी के पुतले को इतना ना संवारों
ये वक़्त के साथ ज़र्रों में बिखर जाएँगे
फलक से टूट गर्दिश सही
सितारे हैं सितारों मे जाएँगे।
तन्मय
©tanmaypandya -
©oldschoolboy
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tanmaypandya 7w
जाड़े की रात
बेहद जाड़े की रात हैं मगर अंगीठी को बुझाना पड़ेगा
कुछ धुआं उठेगा जरूर आँखों को थोड़ा जलाना पड़ेगा
नींद को कुछ वक़्त हैं मगर बिस्तर के आगोश में जाना पड़ेगा
आंसुओं से कोहरा बढ़ गया है मुस्कराओ की उसे घटाना पड़ेगा।
तन्मय
©tanmaypandya