खुशगवार ज़िंदगी
चलो दो चीज़ो से ज़िन्दगी खुशगवार बना लिया जाये।
नफ्स को दबा दिया जाये, ज़मीर को जगा लिया जाये।।
©siddiqui_poetry
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2561 posts-
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Narazgi-e-khuda
गुनाह होते है, सर खम नदामत होती है
भूल बैठे है, क्या कयामत होती है?
मसरूफियत-ए-ज़िन्दगी वास्ता-ए-कायनात "साक़िब"
ये नाराज़गी-ए-खुदा कि, एक अलामत होती है।
©siddiqui_poetry -
औकात में तो बैठो
बोलो क्या बात हुई
आप इसी के लायक थे
जो आपके साथ हुई
बरबाद करने को तुले थे
जो अपने थे कभी
आज उनके ही आंगन
अंगारों की बरसात हुई
©princesunnyrajput -
IT IS
It is more,
to live a happy life.
It's tough,
control emotions.
It's fair
to lie for love
It is a danger
to show all emotions to everyone.
It is love,
that involves change.
It is the life,
that always teaches us to learn.
©_seianonymous -
मजबूरी
घोट दिया गला मजबूरियों ने उसका ।
याद तो रखता है पर सिलसिले नही।।
©siddiqui_poetry -
अज़ाब-ए-इलाही न समझ ज़ुल्मत-ए-हयात है गर।
ये रूह की पाकीज़गी है, रब की मेहर से।
©siddiquipoetry -
कुछ लोग
आते जाते हैं सब यहां कुछ लोग कह कर चले जाते हैं
मिटती नहीं कुछ यादें कुछ लोग सब कुछ मिटा कर चले जाते हैं
आते जाते हैं सब यहां कुछ लोग रास्ते से होकर चले जाते हैं
ठहरते हैं सब यहां कुछ लोग यादें बसा कर चले जाते हैं
आते जाते हैं सब यहां कुछ लोग पल भर में बिखरा कर चले जाते हैं
बदलते है सब मौसमों में कुछ लोग बिन बादल बरस जाते हैं
आते जाते हैं सब यहां कुछ लोग दिल में ज़हर घोल जाते हैं
मर कर दफ़न होते हैं सब यहां कुछ लोग ज़िंदा ही दफ़ना कर चले जाते हैं
आते जाते हैं सब यहां कुछ लोग दिल ही दिल में बस जाते हैं
मिलते है सब सफ़र में कुछ लोग अधुरी कहानी बन कर रह जाते हैं
©sweta_singh99 -
जब ना मिलेगा तुम्हे कोई अपना सा,
तो हमारा दिया हुआ थोड़ा भी वक्त याद आएगा
लेकिन तब हम ना होंगे वहां।
©aashi_singh23 -
nipundogra 7w
बदल गए मायने हर चीज़ के,
पर शब्द एक आज भी ना बदला।
कहता हूं माँ जिसे सुबह शाम मैं,
उस इंसान का दर्ज़ा आज भी ना बदला।।
और वक़्त भी यूँ बदला के बन गया ज़मींदार मैं,
पर आज भी सर से माँ का कर्ज़ ना बदला।।
©nipundogra -
नाराज़गी रखने में दर्द दोनों को होता है।
पर ज़्यादा महसूस वही करता है,
जिसने सिर्फ उसकी खुशी के लिए सोच कर
सब कुछ भुला कर अंदर ही अंदर दिल में बसाए रखा होता है। -
purnimaindra 8w
जाओ करोना बिदा हो जाओ,
दु:स्वप्न सा सब भूल जाओ ।
स्वागत करो सब नव-वर्ष का,
धुंध ,अंधेरा मिटे सारे जग का।
आओ हर्षोल्लास में सब गाएं,
बुराइयों का दहन कर जाएं।
मित्र,बंधु-बांधव सब मिल गाओ,
नूतन-वर्ष का मंगल गीत गाओ।
हिल -मिल सब खुशियां मनाओ,
भुला दो ग़म सब दर्द भूल जाओ।
प्रभु!कर जोड़ कर रहे तेरा वंदन,
नूतन-वर्ष तेरा हो नया अभिनंदन।
©purnimaindra -
purnimaindra 8w
शर्माकर यूं तुझसे दिलदार मेरे,
नैन कजरारे,गेसू हैं कांधे पे मेरे।
सुन आजा ओ प्यारे परदेसी मेरे,
मेंहदी शरमाई है हाथों में मेरे।
©purnimaindra -
प्यार का पेड़ समझ कर में उसका ध्यान रखता गया
मुझे क्या पता था उसने बीज अपने अंदर नफरत के बोए थे।
©vicky_soni -
rangreziya 11w
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रखा कर गिरवी हमने
ख़ुदाई में तुम्हीं को मांगा था
राब्ता यूँ तो तुझसे ख़्वाबों में भी होता है
मुख़ातब अब दिल्ली से मगर लाहौर नहीं होता
©रंगरेज़िया -
rahull 11w
OLD WINE
Keemat-e-wafaa se waqif nahi
Wo husan ke kabij hai, koi unhe bewafa na kahe
©rahull -
sayurisingh 12w
आज खामोश लेहरें भी पुकारती है उस तेज हवा के झोंके को जिसके होने से लहरों मे अस्थिर्ता आई थी
कुछ यूंही ढूंढ़ती हूं मै तुझे बेबाक निगाहों से के काश तू मुझे एक बार देख ले, के मानो वक़्त को यूंही पीछे छोड़ के तू मुझे खुद मे स्मा ले।
©sayurisingh -
orphicthoughts 12w
काश उनके चेहरे पे वही लिखा होता, जो उनके दिल में है |
©orphicthoughts -
purnimaindra 16w
मेरी उदासियां,
मेरी तन्हाईयां,
मेरी खामोशियां,
मुझसे पूछा करती हैं..
तुम कैसी हो??
मैं... मैं...
अपनी जीवन यात्रा में,
अपनों के साथ
अनवरत, चलायमान
कलकल बहती
नदी की भांति,
अपने सीनें पर
मौसम के थपेड़ों
को सहती
जा रही हूं बहती...
नवचेतना का
संचार लिए,
आंदोलनों का
व्यवहार लिए,
विचारों का उद्गार लिए,
अपने गंतव्य की ओर
जानें को आतुर,
मिल जानें को
समन्दर में..
अपनी उत्कंठा लिए,,
प्रतीक्षा है
उस लोक में
समाहित हो जानें
के लिए....
©purnimaindra -
purnimaindra 17w
तमन्नाओं के दालान में ज़रा बैठकर देखिए,
दामन बचाते-बचाते भी उनमें उलझते रहिए।
बहलावा है यह ऐसा जिसको दिल के आईने में देखकर,
अपने अक्स को भी पहचानने से दूर होते रहिए।
यह दुशाला है ऐसा जिसके तानें -बानें ख्वाबों में करिए तैयार,
ख़ुद ओढ़ कर खुश हों न हों मगर दूसरों को खुश करते रहिए।
जिस तरह चिराग़ में पतंगा जलाता है अपना दामन,
उस तरह ख़ुद को झुलसा कर जलाकर रोशनी देते रहिए।
©purnimaindra -
orphicthoughts 18w
जब किसी की कोई बुराई करनी होतो, हम कितनी जल्दी बोल देते है, वही किसी की अच्छाई करनी होतो या तो हम करते ही नहीं या फिर बहुत देर कर देते है, अगर ये सब आप भी कर रहे है तो यू समझ लीजिए आप गलत राह पर जा रहे है |
©orphicthoughts