Song#25
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"सपना"
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"हाँ सपना था एक,
साथ अपना था एक,
ज़िन्दगी सपने में कट जाए,
या रब बन ये हक़ीक़त जाए।"
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ख़्वाब मेरे में रात आयी थी तु...
मेरे बेहिसाब क़रीब आयी थी तु...
सपना ये सच्चा हो जाए,
मेरा दिल तेरा बच्चा हो जाए,
बिन तेरे मेरा दिल ना धड़के,
मैं वारे जाऊँ तेरे सदके,
हो जाए मेरी तु...
ख़्वाब मेरे में रात आयी थी तु...
मेरे बेहिसाब क़रीब आयी थी तु...*2
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साँसो से साँसे मिलीं थीं,
आँखो से आँखे मिलीं थीं,
जी भरके बातें हुईं थीं,
ऐसी कुछ रातें हुईं थीं,
मेरी धड़कन भी महसूस करी थी तु...
ख़्वाब मेरे में रात आयी थी तु...
मेरे बेहिसाब क़रीब आयी थी तु...*2
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तेरे संग जीने की तम्मना,
है मुझे तो बस तेरा बनना,
सपने में तो मिल गयी हो,
अब हक़ीक़त में मेरी बनना,
धड़कन की जगह भी धड़कती है तु...
ख़्वाब मेरे में रात आयी थी तु...
मेरे बेहिसाब क़रीब आयी थी तु...*2
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"साँसो की डोर से तुझे ख़ुदमे बसाये जा रहा हुँ,
चाँद से चकोर की तरह तुझे प्यार किए जा रहा हुँ।"
©nsgill
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nsgill 67w
Song#2
इश्क़
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मैं तेरे इश्क़ में साथी, हाँ इतना चूर हो जाऊँ।
आये ना साँस लोटकर, जो तुझसे दूर हो जाऊँ।।
बनाये गर ज़माना बातें,
तो उसको बनाने दो,
तुम अपनी आँखों के सागर में,
हमको डूब जाने दो।*2
तुम्हारी आँखो के सागर में गर हम डूब जायेंगे,
पिरो लायेंगे कुछ मोती, वही मोती तुमको पहनायेंगे।*2
पहनकर मोती मोहब्बत के, आयिने सामने जाना,
तुम्हें तुम देखती रहना, मैं भी तुम्हें देखता जाऊँ।
मैं तेरे इश्क़ में साथी, हाँ इतना आगे बढ़ जाऊँ
लौटना चाहूँ भी कभी, तो कभी लौट ना पाऊँ।।
तुम अपने ज़ुल्फ़ोंवन में,
मुझे इस क़दर बसा लेना।
जिसमें तुम सांस हो मेरी,
मुझे तुम पानी बना लेना।
फिर कभी घूमते एक दिन,
उसमें कहीं गुम मैं हो जाऊँ।
फिर कभी चाह कर भी मैं,
ना उसमें से निकल पाऊँ।
मैं तेरे जिस्म की ख़ुशबू में इतना मगरूर हो जाऊँ,
गुलाब-ए-बाग़बां में भी तेरी ही ख़ुशबू बस पाऊँ।
मैं तेरी रूह से साथी, कुछ इस क़दर मिल जाऊँ,
जान ही निकल जाये मेरी, जो तुझसे दूर हो जाऊँ।।
मैं तेरे जिस्म की तारीफ़, यूँही थोड़ी ना करता हूँ,
मैं क़ायल हूँ इसका भी, मैं इसपर भी तो मरता हूँ।
तू जैसी भी है क़ुबूल है मुझे, ज़माने से भी कह दूँगा,
परवाह है तो बस तेरी, मैं ना दुनियाँ से डरता हूँ।
ना जाना दूर तू मुझसे, बस तुझसे इतना कहता हूँ,
मैं तुझसे प्यार करता हूँ, मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ।
साथ ना छोड़ूँगा कभी,
ये तुझसे वादा करता हूँ।
जो आये मौत भी कभी,
तो पहले मौत मैं पाऊँ।
मैं तेरे दिल के बादल में, बारिश का पानी बन जाऊँ,
तू बिन बरसात की आँधी, और मैं धूल बन जाऊँ।
मैं तेरे तेज़ की अग्नि में, उठती चिंगारी बन जाऊँ,
तेरी आँखो में सागर है , और मैं नदियाँ बन जाऊँ।।
मैं तेरे इश्क़ में साथी, हाँ इतना चूर हो जाऊँ।
आये ना साँस लोटकर, जो तुझसे दूर हो जाऊँ।।
©nsgill -
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First song on Mirakee
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"बस तेरी..."
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दूर हूँ मैं...हैं रहती बेक़रारी,
जैसे पास हो तू...हो एहसास कई बारी,
पता है सब कि.....तू दूर कहीं हैं,
फिर भी रोज़ ये धोका खाया...ओ...
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।।
हां आ आ आ हां आ हां आ आ आ....
ओ हो हो हो ओ हो आ आ आ हां....
हां आ आ आ हां आ हां आ आ आ....
ओ हो हो हो ओ हो आ आ आ हां....
पहले जितना तुझे मैं चाहती थी,
उतना ही आज भी चाहती हूँ,
पहले जितना याद तुझे करती थी,
याद उतना अभी भी करती हूँ,
जो पहले मैं सपने.....सजाती थी,
अब भी वही सपने.....सजाती हूँ,
आज बैठ कहीं भी अकेली मैं,
तेरे लिये ख़्वाब ही बुनती हूँ...।
तेरे लिये मैं, तड़पी जितना थी,
उतना ही तुझे भी तड़पाऊँगी....ओ...
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।।
हां आ आ आ हां आ हां आ आ आ....
ओ हो हो हो ओ हो आ आ आ हां हां....
हां आ आ आ हां आ हां आ आ आ....
ओ हो हो हो ओ हो आ आ आ हां हां....
तू याद भी हैं, तू ख़ास भी हैं,
तू मेरे दिल के पास भी है,
चाहे अब साथ ना रहता पर,
मिलने की पूरी आस भी है,
तेरे लिये क्या मैं, ये नही पता,
तुझे याद भी हूँ, या भूल गया,
अब पता नही तुझे हो गया क्या,
पहले मुझे खोने से डरता था,
पता नही ऐसा क्या है "नव" में,
जो ना मुझसे जाये भुलाया..ओ....
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।
मैं हूँ जैसी भी.....हूँ बस तेरी....,
जो तू ना मिला मर जाऊँगी।।
©nsgill