The Introvert
सुनकर दिन भर के ताने मैं,
मन ही मन सह लेता हुँ।
दुख का जो काँटा बिगड़े तो,
मोल भाव कर लेता हुँ।
देख कर विलासो को मैं,
अनदेखा कर देता हुँ।
और बोल नही पाता जो मै,
लिखकर वो कह देता हुँ।
#skt
776 posts-
sandeep_prasad 6h
Comment if you're an introvert.
#introvert #extrovert #mirakee #miranquill #deshhit #skt #poem #shortpoem -
sandeep_prasad 22h
लड़की हो क्या...
रो क्यों रहे हो....लड़की हो क्या?
इतना हँस रहे हो क्यों....सनकी हो क्या?
ढूंढो सरकारी नौकरी...शादी नही करोगे? छोड़ो घर अपना.... बैंक बैलेंस नही भरोगे?
इतना क्यों घूम रहे हो...चरखी हो क्या?
अरे रो क्यों रहे हो....लड़की हो क्या? -
Life की Balance sheet में
एक fixed asset की कमी थी
तुमने आ कर
उसे भी पूरी कर दी।।
©shashi_kant -
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भले हम कभी उनसे मिले ना हो पर हमारी दुआओ में उनका एक नाम जरूर होता है।
©shashi_kant -
छोड़ दिया
छोड़ दिया मैने अपने हालातो पर रोना
अंधेरे कमरे का कोना पकड़ कर सोना
किया है समझौता अपनी खुद की चाहतो से
सही के साथ सही गलत को गलत कहना।।
छोड़ दिया ख्वाबों को हकीकत से तोलना
ज़ुल्म जमाने का चुप चाप सहना
किया है संकल्प कुछ कर दिखाने का
है हम भी लायक सबको है बताना।।
छोड़ दिया मतलब के रिश्तों से मोह निभाना
दिल के जज्बातो को सबके सामने बयां करना
किया है स्वीकार उन झूठे वादो को
सीखा है खुद में ज़िन्दगी बिताना।।
©shashi_kant -
तुझसे अब बात तो नहीं होती लेकिन ऐसा नहीं कि याद भी नहीं आती।
©shashi_kant -
sonia_choudhary 18w
एक अधूरी कहानी...
कुछ कहानियां अधूरी ही अच्छी लगती हैं..
जरूरी नहीं..
हर कहानी का मुक्कमल होना लिखा हो..!
©sonia_choudhary -
उसकी नज़रों से इक पल नजर क्या मिली,
Drink and Drive का चलान कट गया मेरा।।
©shashi_kant -
sonia_choudhary 19w
एक अजनबी...
वो अजनबी था मेरे लिए
अब हिस्सा है मेरी जिंदगानी का,
कभी लफ्ज़ो में भी जिक्र नहीं था
अब किस्सा है मेरी कहानी का...
©sonia_choudhary -
माता -पिता
कोई कैसे उन माता-पिता को घर से निकाल सकता है, जिसने संतान की छोटी से छोटी खुशियों को त्योहार की तरह मनाया है।।
कोई कैसे उस माँ को ठेस पहुंँचा सकता है, जिसने संतान को हर ठोकर से बचाया है।।
कोई कैसे उस पिता को जलील कर सकता है, जिसने संतान की जरूरतों को पूरा करना अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है।।
कोई कैसे उस माँ को खाना नहीं दे सकता, जिसने संतान को अपने दूध से पोषण दिया है।।
कोई कैसे उस पिता की भावनाऔ के साथ खेल सकता है, जिसने खेलने को खिलौना दिया है।।
कोई कैसे उस माँ को अपशब्द बोल सकता है, जिसने संतान को पहले माँ बोलना सिखाया है।।
कोई कैसे उस पिता का साथ छोड़ सकता है, जिसने संतान को अपनी उंगली थमा चलना सिखाया है।।
©shashi_kant -
दर्द होता है
दर्द होता है,
जब कोई अपना आपके होने ना होने का फर्क ना माप सके..
जब कोई अपना आप के लिए वक़्त से कुछ पल ना चुरा सके..
दर्द होता है,
जब किसी को अपने होने का एहसास दिलाना पड़े..
जब किसी को खुद से दूर जाता देखे..
दर्द होता है,
जब कोई खास आपकी जगह किसी और को देदे..
जब कोई सब जान कर अनजान बन जाए..
दर्द होता है,
जब किसी का साथ छूट जाए..
जब किसी से विश्वास टूट जाए..
©shashi_kant -
poetrylance 24w
#skt
कैसी है ये दास्तान
ना समझे,ना समझ पाए।
आवारा सा,
अंजाने सा
एहसास लिए।
कितनी सच्चाई इसमें,
कितनी अच्छाई इसमें,
कोई ना जाने ।
ख्वाहिश उसे जानने की,
या ना जानने की,
समझ ना पाए।
कैसी है ये दास्तान
ना समझे, ना समझ पाए।
समझ ना पाए ,
बदलते मौसम को,
कभी सफेद सी रोशनी,
कभी अमलतास सी पीली।
अरबों रंगो को लिए,
वर्धमान चांद ये।
हज़ारों आवेश लिए,
गुमनाम सा ये सितारा।
मतबली सा एहसास लिए,
कुछ उलछे से ये दास्तान,
ना समझे, ना समझ पाए।
कैसी है ये दास्तान,
ना समझे, ना समझ पाए।
~ दक्षाली ~दास्तान
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इमारत तो गिरा दोगे तुम, सरकार तुम्हारी है,,
लेकिन उस दृढ़ संकल्प का क्या, जो अकेली नारी ने ठानी है।।
सच्चाई के साथ खड़ी है जनता,,
वो कोई और नहीं बॉलीवुड की रानी है।।
अभी कुछ ही नाम है आए सामने,,
महज ड्रग्स नहीं मालूम पड़ता कोइ और कहानी है।।
सत्ता पर बैठे हो, जनता का आभार करो,,
अब वो दिन दूर नहीं जब तुमने मुंह की खानी है।।
©shashi_kant -
shashi_kant 24w
लड़के भी सोचते है..
जब अय्याशी करने का मन करे, तो धूप में जलते पिता के चेहरे के बारे में सोचते है।।
जब जाए बाइक की स्पीड 40 पार, तो माँ के फिक्र के बारे में सोचते है।।
लड़की पे हाथ उठाने से पहले, कलाई पर बंधी बहन के विश्वास के बारे में सोचते है।।
जब मिले सामान कि कद्र ना हो, तो बड़े भाई की कुर्बानी के बारे में सोचते है।।
© Shashi kant
Use #skt to share your thoughts with me..(अनुशीर्षक पढ़े)
©shashi_kant -
shashi_kant 35w
कह-मुकरी
1.कड़ी धूप में है जलते,
बर्फ की पहाड़ियों में रहते,
तभी हम सब करते मौज,
का सखि साजन? ना सखि फौज!
2.शहीदों का है मान बढा़ती,
छतो पर शान से लहराती,
कोई ना ले इससे पंगा,
का सखि साजन? ना सखि तिरंगा!
3.सभी धर्म है एक समान,
लोकतंत्र का बड़ा नाम,
सभी मिल कर इसको संवारत,
का सखि साजन? ना सखि भारत!
©shashi_kant -
ज़िन्दगी के सवाल बहुत है..
जवाब पास ना होने पर बवाल बहुत है।
छोड़ कर जाती है ऐसे,,
जैसे, उस खुदा के घर उसे काम बहुत है।।
©shashi_kant -
sonia_choudhary 35w
पापा तू तेरी इस लाड़ो की जान ह,
मैं क्यूं पूजू पत्थर
मेरे ताइ तो तू ऐ भगवान स,
तन हंस के छुपा लिऐ अपने सारे दुःख
मेरे इस चेहरे पे ल्याणी जो मुस्कान से,
क्यू ना करूं जिक्र अपनी कविता में तेरा
पापा तू भी तो इसका हकदार स !!
©sonia_choudhary -
sonia_choudhary 35w
एक मैं cute
एक मेरी लाडो cute
म्हारी cuteness न देख क
सारी दुनिया mute
©sonia_choudhary -
sonia_choudhary 35w
जो भी था ,
तुम से था ,
तुम्हारे सिवा,
ना कोई हमदम था,
खैर उसकी तो बात ही छोड़ो
अपना तो नसीब ही बदनसीब था.....
©sonia_choudhary