2 पंक्तियाँ...
©meri_ankahi_rachanayen
meri_ankahi_rachanayen
-
-
2 पंक्तियाँ...
जख़्म है कि दिखता नहीं,
दर्द है कि रुकता नहीं!
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
27/02/21
©meri_ankahi_rachanayen -
2 पंक्तियाँ...
दर्द कुछ यूँ 'मधु' अपनी ताकत बताता है,
देनेवाले के पास... एक दिन लौट आता है।
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
©meri_ankahi_rachanayen -
meri_ankahi_rachanayen 3w
माँ सरस्वती के कर-कमलों में सादर वंदन।
आप सभी को 'वसंत पंचमी' की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ।वसंत पंचमी...
माँ शारदे तेरी कृपा... 'मधु' आँगन सदा बरसती रहें,
ज्ञान, बुद्धि, विवेक संग... मुस्कान हृदय बसती रहें।
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु"
©meri_ankahi_rachanayen
16/02/21 -
2 पंक्तियाँ...
ज़िंदगी दर्द के सिवाए और कुछ नहीं 'मधु',
मैंने देखें हैं मुस्कान के पीछे गहरे जख़्म छिपे!
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
©meri_ankahi_rachanayen
15/02/21 -
2 पंक्तियाँ...
©meri_ankahi_rachanayen -
पप्पा... ♂️✨
मई माह,
धूप तेज थी,
सिर चकरा रहा था,
माथे से पसीना बूँद की शक्ल में टपक रहा था।
तभी...
एक सघन पेड़ की छाया मिली,
थके पैर थम गए,
धधकती बूँद शीतल हवा के स्पर्श से सुस्ता उठी,
अधर मुस्कुरा उठे।
अचानक...
यादों का कारवां चला,
कांधे पर गमछे तले सिमटा बचपन लौट आया,
और जिंदगी की हर धूप से बचाने वाले 'पप्पा'...
आँखों की नमी संग स्मृति पटल पर लौट आए...!
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
10/02/21
©meri_ankahi_rachanayen -
Clb...
भागकर दुनिया से... कहो, कहाँ जाओगे,
सबसे भाग लोगे... खुद से कैसे भाग पाओगे?
निराशा के बादल हटा... थोड़ा दिल से मुस्कुराओ,
बेवफ़ा से बचे आज... कल किसी अपने को पाओगे।
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
©meri_ankahi_rachanayen -
meri_ankahi_rachanayen 5w
*'जन्मदिन'*
मेरे दिल का एक टुकड़ा... दिल के बाहर धड़कता है,
खुदा का नूर है नूरानी सूरत लिए आँखों में बसता है।
जन्मदिन के तोहफों में मुझे मिला है कुछ यूँ,
कोई ख़्वाहिश रही नहीं उसे गोदी में अपनी पा।
शैतान है थोड़ा, वह जिद्दी भी है जरा,
पर प्रेम और संस्कार रग-रग में है भरा।
हर एक मुस्कान पर उसकी सभी का जा निसार है,
सभी की मुस्कराहट है 'प्रांजल' सभी का प्यार है।
*****
मम्मी की अभिमान और डैडी का गुमान है,
दादा-दादी का दुलारा, नाना-नानी का मान है।
मासी-मौसा जी को जिसपर सदा ही आता प्यार है,
भाई-बहनों का हीरो 'प्रांजल' 'प्रीत भैया' की जान है।
*****
मेरी जान को, अभिमान को,
सम्मान को, पहचान को...☺
मेरे जीत को, मेरी हार को,
मेरे अंतकरण के प्यार को...
जन्मदिवस की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ...
ईश्वरीय कृपा तुमपर सदा बनीं रहें। मेरे जन्मदिन पर तुमसे अच्छा कोई और उपहार मुझे मिल ही नहीं सकता था, इसके लिए मैं सदा 'परम-पिता परमेश्वर' की ऋणी रहूँगी।
"ईश्वर तुम्हारी हर अच्छी इच्छा पूरी करें और तुम्हें एक स्वस्थ, संपन्न, सुखद जीवन का आशीर्वाद दें।" बस आज अपने जन्मदिन पर मैं भगवान जी से यहीं कामना करती हूँ।♥️✨
तुम्हारी माँ...✨
03/02/21'जन्मदिन...'
©meri_ankahi_rachanayen -
meri_ankahi_rachanayen 5w
*जन्मदिन*
फूलों-सी नाजुक, पंखुडी-सी मखमली,
सोलह साल पहले ऐसी बिटिया हमें मिली।
कम ही बोलती लेकिन समझा जाती हर बात,
लक्ष्य साधने को तत्पर, न देखें जो दिन-रात।
छोटी-छोटी आँखों में... ख़्वाब सजाती बड़े-बड़े,
सफलता जिसकी बाट जोहती, निराशा जिससे डरे।
माता-पिता की चिंता हो जिसे, जो सोच-समझ हर कदम चलें।
ऐसी बिटिया के बलिहारी हम, हर दिन दिल से बस दुआ निकले।
नाना-नानी, दादा-दादी संग अभिमान हमारी हो,
मासी-मौसा, भाई-बहनों को तुम दिलोजान से प्यारी हो। ☺️
रखना बेटी आगे भी सदा तुम मस्तक हमारा ऊँचा,
नित नई ऊँचाई पाना, कोई मंजिल न रहे अछूता। ✨✨
श्रीमती माधुरी मिश्रा 'मधु'
(01/02/21)
*****
हमारी प्यारी बेटी के लिए हमारे मन की बात...
हम सभी की प्यारी 'राशि' बेटी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ। ईश्वरीय कृपा आप पर सदा बनी रहें। आप नित नई ऊँचाईयों को पाओ और अपने छोटे-बड़े सभी के लिए एक प्रेरणा, आदर्श और सुखद उदाहरण बनो।
तुम्हारी मासी...☺️✨
01/02/21जन्मदिवस...
-
️
मंज़िलों की तलाश है, सफ़र कर रहा हूँ मैं,
कि मेरा हाथ थाम लो, थोड़ा डर रहा हूँ मैं।
कहानी के मुताबिक तो हमें भी संग जीना था,
तुम्हारे बिन मगर देखो, रोज़ ही मर रहा हूँ मैं।
©abhi_mishra_ -
hindiwriters 13h
@zindagiekkavita जी की कलम से निकली इस ग़ज़ल को सराहें और इनका मनोबल बढ़ाएँ । बहुत अच्छा लिखा है तरुण जी । ऐसे ही लिखते रहिये ।
आपका लेख भी बन सकता है Hindi Post of the Day, बस दिल की बातें यूँ ही शब्दों में दर्शाते रहिये ।
#hindiwriters #hindipostHindi Post of the Day
हर पल होती है क्या ये कठिनाई देखो
मज़दूरों की क़िस्मत से रुस्वाई देखो
मत आओ बातों में अब यारों के साहब
समझो बातों को मन की सच्चाई देखो
देखो सबको मरते गोरे रुख़्सारों पर
फिर उन गोरे जिस्मों की तन्हाई देखो
बातें जो करते हैं अच्छी भी सच्ची भी
मौके पर होती ग़ायब दानाई देखो
मजबूरों की साँसें भी हैं सुस्ताई सी
देखो देखो वो आँखें पथराई देखो
- तरुण पाण्डेय -
sanjeevshukla_ 4d
रिपु - दुश्मन, खग - पक्षी, कीश - वानर, तरु - पेड़, कपार - सिर, पाषाण - पत्थर, मीठ प्रकृति - मीठा स्वभाव, पीरक - कष्टदायी, दुख देने वाला, उतरत- नीचे आना, कंठ - गला, कृपाण - चाकू
भावार्थ - मीठा स्वभाव सदैव दुखदायी होता है, जैसे फल ज़ब तक पेड़ की डाल पर रहता है तो पक्षी, बंदर आदि उसकी जान के दुश्मन होते हैँ, रोज लोग पत्थर मारते हैँ, और जैसे ही डाल से उतरकर नीचे आता है, तुरंत गले पर चाक़ू रख दिया जाता है lदोहा
फल के रिपु खग,कीश तरु ,नित कपार पाषाण l
मीठ प्रकृति पीरक सदा , उतरत कंठ कृपाण ll
©sanjeevshukla_ -
ग़ज़ल
चाँद जो रखता है दिल में हम न वो अरमान हैं l
चाँदनी पहचानते हैं पर........ न हम नादान हैं ll
हैं चुभे रग-रग में नश्तर.... पारा-पारा है अना....
आपको दिखते हैं जो हम वो न पत्थर जान हैं ll
हो चुकीं सदियाँ कभी जो ख़ाक जलकर हो चुका..
इक शरारा रह गया है........... हम नही बेजान हैं ll
हमसफ़र अब रास कोई भी हमे आता नहीं....
साथ हमराही हमारे....... राह के तूफ़ान हैं ll
मर चुके कब के मगर ये बात मानें तब न हम..
ख्वाहिशें जिन्दा रहीं... चढ़ती गयीं परवान हैं ll
छोड़ आये हम न जाने कितने रंगों के महल...
खल्वतों में आशियाँ है...क्या हुआ वीरान है ll
नाम की ख्वाहिश कोई बाक़ी नही है "रिक्त"अब....
चंद लोगों से हमारी......... मुख़्तसर पहचान है ll
©संजीव शुक्ला 'रिक्त ' -
rim__writes 4d
अब शौक बस ये सब लिखने का ही रह गया है ।
.
.
#Randomthoughts♡
#mirakee #pod #writerstoli #writersnetwork
@ankita79moonlight @happygirl_muski @unnati_writes @sanjay_kumr @ajit___हम शौक से नहीं शोक में जी रहे हैं,
जुबां से रूह तक बस अश्क़ ही अश्क़ पी रहे हैं ।
©rim__writes -
mamtapoet 4d
#hindinama,#hindiwriter
अपनी खुशियों के आसमां में बेलगाम न उड़ा करो,
देख अपनों की आँख में आँसू, थोड़ा थम लिया करो।।आँसू
कितने ही राज़ गहरे इसमें समाये,
पर हैं पारदर्शी आँसू,
अनंत रंगों के भावों की अभिव्यक्ति इसमें,
पर हैं रंगहीन आँसू,
अनकहे शब्दों की जुबान हैं
पर कहलाये बेजुबां आँसू,
कभी बेबसी बन छलक जाते है
कभी खुशी में चहक जाते है
कहीं युद्ध का आगाज इसमें
कभी संधि का भाव इसमें
बन प्रेरणा कभी नजरों में उठाते आँसू
नजरों से गिर जाये तो आये आँसू
मृत्यु के सानिध्य में तकती कभी जिंदगी की आशा,
हाथ में हाथ ले जज्बातों की मूक परिभाषा,
©mamtapoet -
कि बाद माँ के फिर कोई परवरदिगार नही मिला
जख़्म तो बे'हद मिले नवाब पर करार नही मिला
©playboy9 -
वो दिल टूटने पर रोते हैं
नही मुर्शद
दिल टूट चुका है
इसलिए रोते हैं
©lovelynivedita -
खामोश क़ब्र में जो उतर जाए, हम नहीं...
तहरीर में मिलेंगे........ क़िताबों में रहेंगे l
©रिक़्त -
️
मेरी मोहब्बत के किस्से, तुम्हें उम्र तलक बतलाना है,
ख़ैर, लेकिन, मगर, इजाज़त, मुझे भी घर चलाना है।
©abhi_mishra_
