तुम कुछ नये से प्रतीत हो रहे हो,
पर मै अभी भी 'पुरानी' सी हूं..
तुम हो चुके हो परिपक्व एकदम,
मै अभी भी बिल्कुल 'बचकानी' सी हूं..
तुमने खो दिया हैअपना अल्हड़पन
मै अभी भी 'नादानी' सी हूं..
खो चुकी है कांति तुम्हारे जीवन की
मै अभी भी 'नूरानी' सी हूं..
प्रवाह न्यून हो चुकी है तुम्हारे रुधिर की,
मै अभी भी बहती 'रवानी' सी हूं...
तुम फंस चुके हो देह के माया जाल में
मै अभी भी सारे बंधनों से
मुक्त पूर्णतया 'रूहानी' सी हूं..
जैसा लिखा था मैंने कोरे कागद पर
मै अभी भी 'हमारे प्रेम कहानी' सी हूं..
©misssrivastava
misssrivastava
काव्य
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misssrivastava 12w
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एहसान
आज फिर एक लड़की ने एक दरिंदे पर एहसान किया है,
चुप रहकर अपनी इज्जत को कुर्बान किया है...
©misssrivastava -
misssrivastava 18w
Another post for my dear boys...❤️
#boysfeelings
#boyslife
@mirakee
@writersnetwork
@darkerthanblackBe a boy
The sadness inside the heart and the smile on the face, this is the identity of being a boy. Among millions of problems who never breaks he is the boy who never bows.he carries the responsibilities of the family on his shoulders, not knowing how many times he slips to climb the stairs of success.he wants to cry but this humble society does not let him cry because "he is boy".
If the boys cry then they are weak if don't cry then
They are stone heart. In this journey of life, we do not know how many times he played with his heart.
He is tried at every turn of life,from son to father he performs the duty well.He brings his tears out of happiness.somtimes his heart wants to sleeps forever from this tired life.
"Is is so easy be a boy"
©misssrivastava -
misssrivastava 18w
लड़का भी
चाहे दिलो के अंदर कितनी उदासी हो,
फिर भी चेहरे पर मुस्कान लाता है..
मां के हाथ से खाने वाला,
अब खाना खुद बनाता है..
जब तक पापा की डांट ना पड़े
तब तक सोने वाला,
अब जल्दी काम पर जाता है..
बहन के साथ लड़ने वाला,
राखी को तरस जाता है...
पूरे शहर मोहल्ले में हुड़दंग मचाने वाला,
आफिस तक सिमट जाता है...
त्योहारों पर सबसे ज्यादा उत्साहित रहने वाला,
मुश्किल से घर पर एक फोन कर पाता है..
अपने अल्हड़पन और नादानियों को छोड़,
अब वो समझदार हो जाता है..
एक बेटा, एक भाई,एक पति और फिर एक पिता , इन सब का फ़र्ज़ वो बखूबी निभाता है..
सबकी ख्वाहिशों को पूरा करके,
अपनी जरूरतों को कुर्बान कर जाता है..
अपना घर परिवार और शहर छोड़,
वो सबके लिए खुशियां कमाने जाता है..
बेटी ही नहीं होती है विदा,
"बेटा भी पराया हो जाता है"..
©misssrivastava -
misssrivastava 18w
Why
If she bleeds on her first night then she is pure.
But if she bleeds on her periods why is she impure?
©misssrivastava -
पाजेब
आज जब मेंहदी सज रही थी मुझे,
तभी पांव में मेहंदी सजने की बारी आई,
और तब मैंने वो 'पाजेब' देखा,
जो तुमने मुझे तोहफे में दिया था,
जिसे तुमने अपने हाथो से बांधा था
मेरे पांव में, उस 'पाजेब' को देख मै
तुम्हारी यादों में खो चुकी थी,
कि तभी आवाज़ पड़ी मेरे कानो में,
"ज़रा ये पाजेब खोलना,इसके बाद
तुम्हारी हल्दी कि रस्म है"..
मै अतीत की यादों से तो बाहर आ गई,
पर पता नहीं क्यों मै वो 'पाजेब' उतार
नहीं पाई..?
©misssrivastava -
'इश्क़'
जिस दिन तुम्हारे साथ कुल्हड़ भर 'इश्क' पिया था,
उस दिन हर घूंट के साथ महसूस 'इश्क़' किया था..
©misssrivastava -
तुम्हारा जवाब
कितनी मोहब्बत है तुमसे..?
चलो इस बार अपने हर्फ में
नहीं उलझाऊंगी,बस इतना समझ
लो जितना जाहिर है उससे कहीं ज्यादा.
©misssrivastava -
उस रात
मुस्कुरा दिया था तुमने जब मेरी बचकानी हरकतों पर
बस वही मैंने अपना दिल हारा था...
खुशनुमा था पूरा माहौल,और मै तो एकदम आनंदित
उस रात मिला मुझे खुशियों का पिटारा था..
यूं इतनी आसानी से मेरा दिल किसी पर आता नहीं,
ना जाने उस दिन क्यों दिल हज़ार बार वारा था...
दूर थे हम दोनों,लेकिन फिर भी लग रहा था ऐसा
बैठे है हम दोनों एक दूसरे का हाथ थामकर
और वहां गंगा का किनारा था..
थोड़ा हिचकिचा रहे थे तुम,ज़रा शर्मा रही थी मै,
झुका के मेरी नज़रों ने तुम्हे हल्का सा निहारा था..
वो रात बेहद खूबसूरत थी,चांद भी हमें देख
मुस्कुरा रहा था, आज आसमां भी लग
रहा कोई हसीन नज़ारा था...
खूब बाते हो रही थी हमारी,
और बातो ही बातों मर मैंने दिया तुम्हे
एक खूबसूरत इशारा था...
और फिर तुमने कहा की अभी जाना होगा,
कह तो दिया था मैंने "ठीक है" पर उस दिन तुम्हारा मुझसे
दूर जाना मुझे कहां गवारा था..
अभी रिश्ते बन रहे थे हमारे,पर लग रहा
था मानो जैसे जन्मों से रिश्ता हमारा था...
©misssrivastava -
एक सवाल
क्या आपकी यह सोच आपको एक असली मर्द बनाता है?
औरत वासना है?
औरत एक वस्तु है?
औरत एक गुड़िया है?
औरत सिर्फ एक कठपुतली है?
उसका कोई दिल नहीं है, उसे तो भावनाएँ नहीं होनी चाहिए। उसका यहां कोई अधिकार नहीं है।
उसे कभी भी अपनी आवाज नहीं उठानी चाहिए। उसकी न कोई पहचान है और न ही सपने। मेरी इच्छा उसकी आज्ञा है। उसे मेरी हर सनक और मांग पूरी करनी चहिए, ऐसा करने में नाकाम रहने या उसे पार करने की हिम्मत न करने पर, वह उसका भुगतान दोगुना कर देगा। मैं एक असली मर्द हूँ , वह एक औरत है, इसलिए उसका कोई आस्तित्व नहीं है..
©misssrivastava
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dipsisri 11w
कठपुतली का खेल देखा था बचपन में और खूब सारी तालियां भी बजाई थी,
तब समझ नहीं थी, की ये रंगमंच पे धागों से बंधी जो मानवीय रूप में कठपुतलियां हैं, ये हम ही तो हैं।
कि ये अपनी ही दशा देख,
सब हंस रहे है,
तालियों की बौछारें लगा रहे हैैं।
ये दृश्य हमें ही तो साझा कर रही है।
समाज के अदृश्य धागों से बंधे हुए हम सब,
जीवन के इस मायाजाल में फंसे हम सब,
अपनी अंतरात्मा छोड़,कायाजाल में फंसे हम सब,
कठपुतली ही तो हैं ?
इन झूठे चमक - धमक की शान में धंसे हम सब,
रंग - बिरंगे कपड़ों में खूबसूरती से सजे हम सब,
कठपुतली ही तो हैं ?
आज तक किसी कठपुतली ने हमारे,
कथाकार के बारे में नहीं सोचा,
कोई अपनी रची हुई कहानियों में,हमे नचा रहा है?
या हमने ही खुद को धागे में बांध लिया है?
ये एक ही कथाकार की उंगलियां हैं,
या प्रतिदिन कोई नई हथेलियों से हम पर,
लोभ,जातिवाद, और भ्रम मूलक बातों के,
धागों का जाल फेंका जा रहा है?
क्या कभी किसीने किसी कठपुतली का हाल,
पूछा है?
कि उनके चेहरे पे वो जो बनावटी अभिव्यक्ति वाली मुस्कुराहट है,
वो क्यूं विद्यमान हैं?
ये कठपुतली का खेल हमें स्मरण करा रहा है,
कि हमने खुद को किन तंतु में फंसा रखा है।
आखिरकार कब इस झूठे अभिवृत्ती को,
हटाएंगे हम?
कब उस अदृश्य कथाकार की कुटिल मुस्कान,
को मिटाएंगे हम?
कब इन अंतर्धान तालियों की गुंजो,
को चुप कराएंगे हम?
कब ये मानवीय रूपी कठपुतलियां,
अपनी आवाज़ को उठाएंगी?
कब इस धागे को तोड़ अपना जीवन संवारेंगे हम?
कब इस कठपुतली के खेल का अंत करेंगे हम?
© दीपशी श्रीवास्तव
@jiya_khan didi ne kaha to likh diya humne.
@vivenne @veloc1ty_@dusky_dawn @recluse @eunoia @uba___ @zilch__ @philosophic_firefly
#kathputli #hindiwriters #hindipoem.
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dipsisri 9w
#kuchbhihaibro #dsquotes
Thnq @writersbay ♥
@adeeba_ @gunjit_jain @say_me_krish a read?.
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dipsisri 9w
"अधूरी"
अज्ञात-सी मैं,
छोटी सी अभिलाषा हृदय में लिए,
अनगिनत कविताएं लिखती रही।
सोचा था कि जब तुम आओगे,
मेरी कविताओं को पढ़ोगे,
मेरी व्यथा भरे दिनों को महसूस करोगे,
तुम्हारे प्रति मेरे सत्यनिष्ठ प्रेम को समझोगे,
उस दिन मेरी कविताएं खुद में पूरी हो जाएंगी।
तुम तो नहीं आए मगर,
अधूरी सी मै ,अपनी अधूरी कविताओं में पूर्ण हो
गई थी शायद।
© दीपशी श्रीवास्तव -
dipsisri 12w
कोई है क्या..?
जो इस नेटफ्लिक्स के ज़माने में , मेरे साथ बैठ कर 90s की
सारी रोमांटिक मूवीज़ देखे..!
कोई है क्या..?
जो इस बादशाह और टोनी के ट्रेंड में, मेरे करीब बैठकर सारेगामा कारवां के मधुर गीतों को सुने..!
कोई है क्या..?
जो इस स्टारबक्स की कॉफी के जेनरेशन में, मेरे संग कुल्हड़ भर इश्क़ की मिठास से भरी चाय की चुस्कियां ले..!
कोई है क्या..?
जो इस फॉरेन ट्रिप जाने वाले संवत में, मेरे हाथो को थामकर घाट किनारे बैठ कर कुछ बचकानी भरी बातें करे..!
कोई है क्या..?
जो इस I-phone गिफ्ट देने वाले युग में, मुझे रंग - बिरंगी चूड़ियां और झुमके तोहफे में दिलाए..!
कोई है क्या..?
जो इस पिट्ज़ा बर्गर के काल में, मुझे अपने हाथो से सरसो का साग और मक्के की गरम गरम रोटियां खिलाए..!
कोई है क्या..?
जो रात भर टेक्स्टिंग नही, प्रेम के पत्र भेज कर करे मुझसे बातें और इंतजार करे मेरे जवाबो का..!
कोई है क्या..?
जो भले मुझे सिनेमा घर ना ले जाए, मगर रात को मेरे साथ उस खूबसूरत चांद को देखे और मेरे प्रष्णाकुल मन की व्याकुलता को सदा के लिए मिटा दे..!
कोई है क्या..?
जो इस आधुनिकता के ज़माने में, अपनी सरलता और प्रीत की डोरी से कस कर बांध ले मुझे अपने प्रेम में..!
कोई है क्या..?
जो मुझसे नहीं, मेरी चैतन्य से प्रेम करे..!♥
©दीपशी श्रीवास्तव
सूचना : ये पूरी तरीके से काल्पनिक है,वास्तविकता से इसका कोई लेन देन नहीं है।बस यूंही दिल किया तो लिख दिया निधि निरवाल से प्रेरित होकर।
You must've read this kinda poem but I wanted to write so I did.
50th post completed today.
@rani_shri @dewanshk @dusky_dawn @bhawnapanwar @jigna___ @hafeezhmha @neehaa @eunoia__ @_rudram_ @toshuu.
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dipsisri 13w
Just going with the trend!
Sketching something after so long!❤
Quote is'nt mine.
All Rights Reserved To Google.
Thnq @writersbay♥
#artquill #art #sketch #drawing
@ciao__ @writersbay @vivenne @lovenotes_from_carolyn.
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dipsisri 13w
Maybe its gonna be a new trend.
"When the sun has set, no candle can replace it".
-George R.R Martin.
I am the girl whose daily routine is to go on the roof in beautiful evening time & just start staring at the sun and the pretty colourful sky.Just staring at the sun & sky with a peace mind always makes me blissful.
#me_photographer #photoquill
@wallfl0wer @inara__ @cosines @raika @abhi_mishra_♥
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dipsisri 13w
Was just studying Physics & randomly this thought came while reading rainbow formation.
Just wanted to write this*
Don't know if it is meaningful or not.
#physicslove
Img via Pinterest.
@disrupted.
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dipsisri 12w
देखो ना!
इस आधी रात में, मैं उस पूरे चांद को घंटों से निहार रही हूं।
इस सर्द रात में, मैं एक विरह वेदना की कविता लिखने जा रही हूं।
देखो ना!
इस शरद पूर्णिमा की चमकीली उजास भरी रात में तुम मेरे संग नहीं हो।
मगर ये सितारे और पूरा चांद अब भी विद्यमान हैं।
देखो ना!
इस चांद की खूबसूरती मेरे नयन-पटों में सिमट सी गई है,
और तुम्हारी लिए प्रीत बनकर तारों की तरह खुले काले आसमां में टिमटिमा रही हैं।
देखो ना!
इस बिखरती चांद की रोशनी में, मैं खुद के बिखरे हुए हिस्सों से खुद को दुबारा संवारने चली हूं।
इस चांद को मेरे अतीत मेरे आज सब के बारे में पता है,
मगर आज मैं इस चांद को भी असमंजस में डुबो कर इससे सारी यादें
भुलवाने चली हूं।
देखो ना!
इस चांद को भी इस बात की खबर रहती है,कि मैं एकटक निहारती उसे हूं मगर यादों में तुम्हारी खोई रहती हूं।
वो भी मेरे संग कुछ कविता बुनने में मेरी मदद करता है।
देखो ना!
कभी कभी ये चांद यूं बादलों के आंचल में छिप जाता है,
तो क्या ये चांद मुझसे दूर जाना चाहता है ?
या ये बादल मेरे चांद को मुझसे दूर करना चाहता है ?
"तो क्या तुम मेरे चांद हो"?
"मेरे प्रश्नाकुल मन को आखिर उसके प्रश्नों की मनाही क्यू ना मिली"?
©दीपशी श्रीवास्तव
P.C:- Pinterest
@redolent_smile @uba___ @soonam @saya__ @rani_shri @cosines @dipps_ @jigna___
#moonlovers #moonlove #hindipoemदेखो ना!
© दीपशी श्रीवास्तव -
dipsisri 20w
#love #story #mirakee #eyecontact #crush #schoollove #lovestory #teenslove #schoolcrush @mirakee @mirakeeworld @writersnetwork
This is fictional school love story.Hope many can relate to this eye contact love ❤.Eye Contact
वो हर क्लास की घंटी बजने के बाद तुम्हारा बस ये इंतज़ार करना की ,
कब मैं बाहर आऊ और एक बार नज़रे टकरा जाएं।
सच कहूं बड़ी हंसी सी आती थी तुम्हारे मासूम सी शर्माने की अदा पे।
दोस्तो से तो मैं कहती थी कि "Oh god! ये फिर से क्यूं?"
पर तुम्हारे बगल से गुजरते वक्त मैं भी एक टक देख ही लेती थी तुम्हें ❤।
जब भी मैं पलके उठाकर एक बार तुम्हें देख लेती,
बुलेट का काम तो हो ही जाता था।
दोस्तो के चिढ़ाने पे उपर से तो गुस्से से लाल होती थी,
पर मन में तो एक अलग ही खुशी छा जाती थी अपना नाम तुम्हारे नाम के साथ सुनने में।
एक दिन तो अपने दोस्तो के गैंग के साथ तुम्हारे क्लास में गई थी,तुम तो क्लास में नहीं थे पर तुम्हारा वो जुगनू रंग का बैग वो वहां था जिसे मैंने अपने हाथों में बेझिझक उठाया,
और किसी इत्र की खुस्बू आ रही थी मैंने उसे अपने अंदर समाया और जल्दी से क्लास में भागी।
अगर एक दिन भी तुम्हारी वो नीले रंग की साइकिल ग्राउंड में नहीं दिखती थी,
फिर तो मेरा चेहरा देखने लायक होता था।
और अगले दिन अपनी बड़ी-बड़ी आंखो से ही गुस्सा बयां कर के तुम्हे डराती थी "क्यूं नहीं आए कल"?
और तुम बेचारे मासूम सिर झुका के चेहरे पे innocence लाकर मुझे फिर से मना लेते थे।
अपने बस स्टॉप पे एक घंटे पहले ही पहुंच जाती थी,
ताकि जब तुम अपनी साइकिल पे तशरीफ लिए इधर से गुजरो तो बस एक बार तुम्हें निहार लूं।
ये आंखो का एक अनोखा सा रिश्ता जुड़ चुका था,
जो धीरे-धीरे मुझे एक मीठी सी यादें देता जा रहा था।
©dipsisri -
dipsisri 18w
If a person has already determined that with whom i will meet he should be like this or that, do what I want, then it is not necessary to agree.Everyone hopes that I get someone like this, but if they do not get one as they wanted,they try to force that person into it.
@mirakee @writersnetwork @darkerthanblack #mirakeeworld #mirakee #poem #isitlove #molds #predetermine #psuedolove #leaf #mold #randompost #poembookIs this Mold of Love?
I could not put myself in the predetermined "MOLD" you made.
The mold of love is created by itself, but if it actually has a true existence.
You had created a pre-conceived mold, in it a girl who thought that she too would have a unique story, she would make a pot of moments of love, how would she happily mold herself into it?
Yes, it is believed that the bond of relationships is formed by selfless love on both sides, but if you build it without meeting your partner, then how will it be happy to adapt it?
©dipsisri
