खुदा ऐसी खुदाई दे , मेरे कलम में ऐसी सियाही दे,
कि "आहट" लिखूं अल्फाज़ो में मै अपने
और "गूंज" तुम सभी को सुनाई दे।।।
©moh_hitt
-
moh_hitt 3d
-
moh_hitt 3d
न कभी बाते हुई हमारी न ही मिले कभी
और शायद तुमने कभी ठीक से मुझे देखा भी नहीं होगा,
पर बावजूद इसके तुमसे बिछड़ने का दर्द उतना ही होगा
जितना तुम्हारा मेरे साथ होने के बाद बिछड़ने पर होता।।।
©moh_hitt -
moh_hitt 1w
जिससे बात हो रही थी बरसो से ,
कल वो बेग़ैरत हमे wrong number बता गई।।
©moh_hitt -
moh_hitt 1w
जितने संभाल पाओ , दोस्त उतने ही बनाओ।।।।
©moh_hitt -
moh_hitt 1w
कभी याद आए तो इत्तिला कर देना
हम भी अपने आप को ढूंढ रहे हैं।।
©moh_hitt -
moh_hitt 2w
तलब तो उस बंज़र ज़मीन को भी है हरे घास की
पर मसला ये है कि वो खुद को दोबारा कुरेदना नही चाहता।।
©moh_hitt -
moh_hitt 2w
आपको पता है प्रेम अंधा क्यों होता है?
क्योंकि आपकी “मां" ने आपका चेहरा देखने से पहले ही आपसे प्रेम करना शुरू कर दिया था।।।
©moh_hitt -
moh_hitt 2w
क्या ख़ाक किसी से इश्क़ कर पाएगा वो
जिसकी खुद से ही रंजिशें तमाम रहती हो।।।
©moh_hitt -
moh_hitt 2w
इधर भी फ़रेबी और बेशर्म लोग भरे हुए है।।।
©moh_hitt -
moh_hitt 2w
यहाँ से भी अब चला जाऊंगा, लोग शायरी, कविता लिखने से ज्यादा मीम पोस्ट करते है इधर।।
©moh_hitt
-
کافر ع عشقِ
कोई कतल करके जिए ज़माने को ,
तो उसका जीना क्या मरना गुनाह है ।।
ये कैसा इम्तिहान है अशिको का ,
तुझसे इजहार ए इश्क करना गुनाह है ।।
तेरी महफिल है हाफिजो की_जानां ,
यहां पीना क्या_शराबी होना गुनाह है ।।
तेरी हस्ती है तीखी बदतमीजी की ,
शरीफों का तेरे पास होना गुनाह है ।।
जो मजनू है तुझ पर फनाह तमाम उम्र ,
उसका तेरे लिए मजनू होना गुनाह है ।।
तु बाते करती है आवारा झोको की हमसे ,
जैसे हमारे अंदर गरिमा_होना गुनाह है ।।
©mayank_padiyar_gandhi -
pram0d 2w
ये जो आरजुओं का समंदर भर कर बैठी होना ना, इन आँखों में।
इसे छलकने दो,
अब मोहन नहीं आएंगे।
©pram0d -
Jab saare khwab tut chuke ho,
To Khwab dekhne ki himmat kese kar sakte hai !
©muska_ein_alfaaz -
janhavijyoti 5w
Ruh ki baatein karne wale
Kitne asani se bik jate he jismo ke lie
©janhavijyoti -
pram0d 5w
ये कलम ये डायरी ओर ये बेअदबी,
अब ये नुमाईसे अच्छी नही लगती।
©pram0d -
खास इंसान...❤
बड़ी अजीब बात है न किसी को बिना जाने , बिना पहचाने बात हो जाती है , कभी कभी मुलाकात भी हो जाती है , दिल में उसके लिए जगह कुछ खास हो जाती है , उसकी बातें भी दिमाग में आ ही जाती है , कभी दिल को सुकून तो कभी तकलीफ दे जाती है......।
कायस्थ की कलम से......✍
©ritesh_shrivastava -
riyaamishra 5w
Chahat ko meri yuhi sareaam badnaam
Naa kar...
Meri mohabbat mai naam tera bhi badnaam
Ho jayega.
©riyaamishra -
इस दुनिया की रीत है..... जनाब ;
लोग शिशकियों से लेकर,
हिचकियों तक......
सब में वाह वाह कर जाते हैं!!.
©ritu_lata -
मैं....
मैं सबको पसंद आऊ वो इंसान नही हूं......। मैं सबके मन को भाऊ वो मनोभाव नहीं हूं.....। मैं अपनो को ना समझ पाऊं वो अनजान नहीं हूं.....। मैं टूट कर गिर जाऊ वो तारा नही हूं......। मैं मस्ती में झूमता जाऊं वो मस्ताना नहीं हूं.....। मैं सबके दिल को भाऊ इतना भी दिलदार नहीं हूं......।
मैं हालातों से लड़ ना पाऊ इतना भी बेसहारा नहीं हूं....। और मैं किस्मत को कोसू इतना भी बेचारा नहीं हूं.......।
कायस्थ की कलम से......✍️
©ritesh_shrivastava -
prasadshayar 9w
लफ्ज़ों को सँजोकर पेश करता हुँ शायरी, मै शायर नही "कर्जदार मजदूर" हुँ लफ्ज़ों का...
©prasadshayar
