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nirmohii
Iam simple as abc and tricky as an illusion.. ORIGINAL CONTENT ONLY!
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तू इतना ना मेरा ख्याल कर
रख दिल को अपने संभाल कर
खामोशी मेरा जवाब है
तू जितने चाहे सवाल कर
मैंने वफा के वास्ते
रक्खे हैं साँप पाल कर
कल जिस्म से एक लाल पत्थर
फेंका था मैंने निकाल कर
जो हो गया सो हो गया
अब ना तू उसका मलाल कर
ए जां मेरी मेरी बात सुन
तू इतना ना मेरा ख़्याल कर..
✍️निर्मोही -
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nirmohii 44w
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nirmohii 60w
कृपया अपनी संस्कृति ना खोने दें. पश्चिमी सभ्यता के पीछे अंधी दौड़ ना दौड़े..
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गुनाह अपने अपने है,
अज़ाब भी अपने अपने होगें.
©raghav86 -
aarti_singh 18h
To the person who stayed in my blues ,
कुछ समय पहले तक सूखे पत्ते सी थी मगर मिलना आपसे हुआ और उलफत-ए-तिश्नगी से छुटकारा मिला। कभी-कभी होता है न कि अब्र काले होते नहीं पर बारिश की बूंदे लबो को छूने लगती हैं। कुछ इसी तरह अचानक मिलना हुआ हमारा बिना किसी प्लानिंग के और लड़खड़ाते कदमों को एक सहारा मिला , दिल की दहलीज़ पर आपकी मुस्कुराहट के कदम पड़े। कभी सोचा नहीं था कि इन बेचैन समुंद्री निगाहों को सुकून का साहिल मिलेगा और मन में जो लहरो के तूफान हैं उन्हें शांति हासिल होगी कि पीछे कोई खड़ा है हर मुश्किल में साथ देने के लिए।
सोचा न था कभी के एक सितारे के टूटने से चाँद को फर्क पड़ा होगा ,
"हार मत मानना मुर्शद , मैं संग हूँ तिरे" हमे कहने के लिए कोई खड़ा होगा।।
आईने में जब कभी देखे हम अपने आप को ,जवाब दे ये आईना कि मुझमें मुझसे कही ज्यादा आप हो। कभी आए मुश्किल हालात तो सबसे पहला कॉल या टेक्स्ट गर जाता है तो उसका पता केवल आप हो , हर अनसुलझे-बिखरे सवालों का सिमटा जवाब हो आप। कभी किसी के लिए अपनी पसंद बदलेंगे यहाँ तक कि किसीकी पसंद को अपनाकर खुदकी बना लेंगे सोचा न था। कोक तो ऑल टाइम फेवरेट रही है पर किसी के संग लिम्का भी इतने मज़े से पियेंगे सोचा न था। पिंक कलर के कपड़े पहनना बचपन से ही हमें पसन्द नहीं था , माना लड़कियों को अकसर पसन्द होता है पर हमें नहीं था लेकिन जब वो पिंक जैकेट आपने दी मुझे तो पहने बिना रोक न पाए खुदको। यहाँ तक कि एक पिंक टॉप और खरीद लाए आपके संग मार्किट जाकर। अब जब कभी इस टॉप को देखते हैं तो आपका वो मुस्कुराता चेहरा याद आता है , एक अलग ही सुकून मिलता है उस शांत मुस्कुराहट में , मानो मेरी ही कोई खोई चीज़ मुझे वापस मिल गयी हो , एक आखरी दिल का टुकड़ा मिल गया हो। दही , मैक्रोनी , मोमोस 4 महीने पहले इनसे नफरत हुआ करती थी पर इन्हीं से उल्फत कर बैठे हैं आज तो।
These 24 alphabets are unable to describe u...
Love u DIPS URF VD❤️( first read caption )
फिरसे उन लम्हों में खो जाने को जी चाहता है , जिसमें थोड़ी मस्ती , थोड़ा प्यार हो और हम सातों मिलके आपको "श्रद्धा कपूर" कहें और आप टीज़ होने के बाद वो क्यूट फेस बनाओ।
देर रात हर्फ़ हमारे तलाशे आपको की इस ओर करवट लिए कहीं आप सुनने को लेटी हो ,
चाँद को देर रात तकना पसन्द है सबको , हमें नही जब पास हमारे अंजुम की बेटी हो।
अगर चंद लफ़्ज़ों में कहूँ तो ,
"मेरी दुनिया है तुझमें कहीं ,
तेरे बिन मैं क्या कुछ भी नहीं "
©aarti_singh -
ग़ज़ल
बरसातों में बस मिट्टी के घर गिरते है
इसलिए तो गरीब दर-ब-दर फिरते है
कदम-कदम पर जिनके सपने टूटे है
ऐसे लोग ही नींदों से डर कर रहते है
सर पर इल्ज़ामों की ऐसी बारिश थी
क़ातिल अब मुझको बेहतर लगते है
क्या बताएं कब बच्चे सयाने हो गए
माँ-बाप तो दिन-भर दफ़्तर रहते है
फ़ुर्सत में होते है जब रंज-ओ-ग़म मेरे
दिल की बातें दिल से अक़्सर करते है
रोज़ निकलते है उम्मीदों के दीप लिए
रोज़ अँधेरे को साथ लिए घर फिरते है
©my_sky_is_falling -
ये जानते हुए भी मैं ,सिर्फ तुझे ही चाहता हूं,,
ना तू मेरी तकदीर में है , और ना ही तस्वीर में,,
©sneh_shukla -
sanjeevshukla_ 17h
गीत
*गीत -आशा*
छोटी-छोटी..... आशाएं हैँ,
सीमित आशा विस्तार सखे l
छोटा सा घर आँगन अपना,
छोटा सा है..... संसार सखे ll
छोटी सी पाग...शीश पर है,
छोटा सा अपना स्वाभिमान l
छोटा सा ....छप्पर, ओसारा ,
छोटा सा शीतल घन वितान l
बिन हानि लाभ मन से मन का,
लघु,सरल,सहज व्यापार सखे ll
मुँह से फुहार दे पानी की,
छोटी सी सूर्य चाप रचना l
ज़ब चाहा बिन बरसात रचा,
सतरंगी इंद्रधनुष अपना l
छोटे से धरती, नभ अपने,
निर्मल अंतर्मन द्वार सखे ll
छोटा सा सीमित... ज्ञान कोष,
सीमित अनुभव,जड़ तुच्छ बुद्धि l
निर्धारित छोटे लक्ष्य सदा,
छोटी छोटी सी कार्य सिद्धि l
प्रत्याशाएं.......छोटी छोटी,
व्यवहारिक स्वप्न विचार सखे ll
©संजीव शुक्ला 'रिक़्त' -
आंखों में मेरे बस्ती एक तस्वीर ख़ुदा के जैसा है
आज़ चांद आसमां में नहीं ज़मीं पर उतरा और वो
सिर्फ मेरा है।
©sweta_singh99 -
रज
हे,
अलंकारों के स्वर
तुम वर्ण की विडंबना
पृथक करो, आरोह
अवरोह की निरंतर
क्रिया को उच्च
पद में कृतार्थ करो।
व्यंजन में रस
की मिठास से
रसना को माधुर्य
कर दो, श्रवण
श्रुति की लय
बद्धता में ऊर्जा
का आह्वान कर दो।
हे,
ओज में विराजमान
विराट शून्य के
स्वामी तुम कार
के गीत गुंजित कर दो,
अंतर के घोर तिमिर
का शीघ्र अतिशीघ्र
समाप्त कर दो।
कर से प्रणाम
करें और प्राण को
रोम रोम अभिनंदन
कर दो, आज्ञा चक्र
के पारदर्शी स्थल में
सप्तरंग के रंग
को भर दो।
हे,
देह हे आत्मा
नश्वरता का सत्य
आत्मसात कर लो,
रज रूपी सब हैं
यह कर्म तुम कर लो
कि एक एक कण
रज के अपने साथ
में एक कर दो।
©rangkarmi_anuj -
स्मित प्रसून मंजुल मंजुल,
स्पर्श रेशम सा मृदुल मृदुल,
अलि गुँजारव गुनगुन गुनगुन,
बसंत आई है रुनझुन रुनझुन।
समीर बहता मद्धिम मद्धिम,
आभा छाई है रक्तिम रक्तिम,
नाचत मोर धिनक धिनक धिन,
बसंत छाई है रिमझिम रिमझिम।
©jigna_a -
happy81 1d
मन भर हँस पड़ो तो बचपन है..
मन भर रो पड़ो तो नादानी...
क्यों ये दुनिया जीते जागतो को भी..
जीने नहीं देती...
प्यासा आया है कोई समंदर के पास
क्यों सहानभूति में खारा भी पीने नहीं देती...
ये दुनिया क्यों जीने नहीं देती...
©happy81 -
bal_ram_pandey 13w
ज़हर दिल में लबों पर दुआ कैसे
ज़ुबां में कांटे हाथों में दवा कैसे
न तुम किराएदार न वफादार मेरे
मकां ए दिल में रहते हो भला कैसे
मुझसे न कर इतना प्यार ए जिंदगी
निभा पाऊंगा तुझसे मैं वफ़ा कैसे
फुरकत के लम्हे और मुस्कुराना तेरा
दे रहे हो मुझको यह सजा कैसे
मेरे चेहरे में कोई और नज़र आया
आईना हो कर दे रहे हो दगा कैसे
©bal_ram_pandey
