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There's no substitute for parents, love and nature.
_Payal Anant -
payal_anant 4w
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Love communicates power,
What makes us weak is probably not love!
_Payal Anant -
Love only fails when you have no capability to loving someone unconditionally.
_Payal Anant -
ज़िन्दगी की उलझनें
अपनी जगह हैं,
तुम्हारी आंखों में देख कर
सुकून भी तो मिलता है।
_पायल अनंत -
कभी कभी मौन हो जाना अच्छा होता है,
ज़िन्दगी बहुत करीब से सुनाई पड़ती है।
_पायल अनंत -
चांद रूठा है तारों से
या तारों ने मुंह फुलाया है
दोनों के झगड़े में मग़र
आसमान का चेहरा उतर गया!
- - - पायल अनंत -
payal_anant 17w
सफ़र में साथ- साथ चलता है, ऐतराज़ नहीं करता
वो नाराज़ होकर भी मुझसे, मेरा हाथ नहीं छोड़ता।
_पायल अनंत -
हम उस युग में जी रहे हैं
जहां लोग कपड़े देखकर हैसियत का
अंदाज़ा लगाते हैं।
_पायल अनंत
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कैसे सम्भालूँ?
सम्भालूँ तो ख़ुद को
मैं कैसे सम्भालूँ?
तमाशा बन फिरता
मैं क्या क्या कर डालूँ?
अंधेरा घना है,
है गहरी ये बातें,
ये दिल भी है गहरा,
मैं लिख के बता दूँ?
हिसाब-ए-मोहब्बत
मैं किससे लगाऊँ?
गर सोया है कोई,
मैं कैसे जगाऊँ?
वो जब भी जगेगा,
तो दूजे की खातिर,
मैं लड़ता हूँ ख़ुद से,
अब ख़ुद को मनाऊँ?
कोई आ के है कहता,
मैं ग़म लिख रहा हूँ,
अब कैसे मैं कह दूँ,
कि कम लिख रहा हूँ,
मैं गिरता, संभलता,
हूँ शब्दों पे चलता,
मैं कल अाज कल में भी,
पल लिख रहा हूँ |
ना सूरज संग मेरे,
ना चंदा मेरा है,
ना आकाश मेरा,
ना भूतल मेरा है,
मैं मन से हूँ जैसा,
हूँ दिखता भी वैसा,
ये स्याही है मेरी,
और दिल ये मेरा है |
कुछ बातें पुरानी,
होती हैं, होने दो,
कहानी है दिल की,
रोती है, रोने दो,
बताना ये तुम भी,
किसी दिन, किसी को,
कि जलती हुई बाती,
सोती है, सोने दो |
किताबों की बातें
हैं सारी ये झूठी,
रिवाज़ों की बातें
हैं सारी ये झूठी,
कुछ वादे निभा के
खो जाते हैं सारे,
ये अपने-पराए
की बातें हैं झूठी |
बनावट के रिश्ते
संजोते हैं कैसे?
खुशियों के बीज
ये बोते हैं कैसे?
मिलते मुस्काकर
फिर पीठ में खंजर,
हैं कातिल ये सारे
ये सोते हैं कैसे?
ना दुख अब बताना,
कि लोग हैं हँसते,
खुशी ना जताना,
कि लोग हैं हँसते,
ये हँसते रहेंगे,
हम बढ़ते रहेंगे,
अब कुछ ना समझाना,
कि लोग हैं हँसते |
अब कहने और सुनने को
कितना सजा दूँ?
ये आँसू अनदेखे हैं,
कितना बहा दूँ?
है महंगा दिल मेरा,
मैं लायक ना इसके,
सम्भालूँ तो ख़ुद को
मैं कैसे सम्भालूँ?
©ashk_ankush -
मैं अपने हाथ पे एक नई लकीर खींच सकता था
ये मेरे वश में था, मैं अपनी तकदीर खींच सकता था।
सो क्या हुआ कि उसके शहर में रुकती नहीं ट्रेन
मुझे तलब थी, मैं ट्रेन की जंजीर खींच सकता था ।।
©sanki_shayar -
Oceans
My whole life I was committing
the greatest of sins; fear
the fear to talk, to be brave
the most heinous, fear of making a mistake.
In the trap of being mature,
truth is the greatest terror, and
accepting it was my biggest fear,
yet the sterile world never
let me be puerile.
Lusting the moon
I jumped out of my realm
drowning by my own kin
lacked the forte to fly to him.
©Sri -
A moment with you,
filled me with memories for
my life.
©Sri -
ashk_ankush 100w
मैं चढ़ता-ढलता सूरज हूँ,
तुम चंदा की मनमानी हो,
ये दिल जो तुम बिन प्यासा है,
उस प्यासे की तुम पानी हो।
मैं रुका-झुका सा ज़मीन हूँ,
तुम आसमान की वाणी हो,
मैं सपनों में एक राजा हूँ,
उन सपनों में तुम रानी हो।
मैं पन्ना किसी किताब का,
उस किताब की तुम कहानी हो,
मैं चढ़ता-ढलता सूरज हूँ,
तुम चंदा की मनमानी हो।
©ashk_ankush -
ashk_ankush 100w
मैं जब थक जाऊँ, तो मेरी आवाज़, मेरा सहारा बनोगी ना?
मेरे शब्दों की इन लहरों का, तुम किनारा बनोगी ना?
©ashk_ankush -
नींद आँखों में हो न हो
रात सबकी गुजर जाती है
- रीतेय -
arianwriter 159w
When I realize,
I am dead without you,
I take solace in my words
that speak about you,
to keep me alive!
~rr~
©arianwriter -
ashk_ankush 109w
तुम खुश हो ना?
सुनो!
तुम खुश हो ना?
मैं दूर हूँ,
मजबूर हूँ,
तुम्हें दिखता नहीं,
अब लिखता नहीं,
तस्वीरों से ही बात करूँ,
शब्दों से अपनी रात भरूँ!
जब याद कभी आए मेरी,
मुझे पल भर में कह देना तुम,
झट से हाज़िर हो जाऊँगा,
बस उस पल में रह लेना तुम!
जब याद ना आए मेरी तो,
ऐसे ही चुप तुम रह जाना,
और मिलेंगे जब कुछ वक्त के बाद,
आँखों से सब तुम कह जाना!
©ashk_ankush -
ashk_ankush 111w
क्या होगा?
जिस राह पर हूँ,
ना जाने उसका अंजाम क्या होगा?
जो मन में ख़याल हैं,
उन्हें कह दूँ सर-ए-आम तो क्या होगा?
दौड़ते-दौड़ते थक सा गया हूँ,
ना जाने ज़िन्दगी का दाम क्या होगा?
अगर आज रुक गया तो डर है,
कि फिर कल का आराम क्या होगा?
चेहरों पर नकाब लगाए लोगों से सवाल है,
कि उस नकाब के पीछे छिपा इंसान क्या होगा?
तुम इश्क में भी अगर बातें छुपाते हो,
ऐसे इश्क में फिर इनाम क्या होगा?
माना कि मुस्कुराना ज़रूरी है,
पर अंदर बैठी मायूस जान का क्या होगा?
मैं फिर कुछ बेहिसाब सा लिख रहा हूँ,
ना जाने ये अंकुश नाम क्या होगा?
©ashk_ankush
