एहमियत
अजीब बात है ना,
तुमसे कोई मतलब नहीं,
तुम्हारी कोई जरूरत नहीं,
तुमसे कोई बात चीत नहीं,
दूरी तुमसे मिलो दूर की है,
ना कोई वास्ता है,
ना कोई रिश्ता है,
फिर भी ना जाने क्यों
हर वक्त तुम मेरे मन में रहती हो,
तुम्हारी कमी खलती है,
हर शक्स में तुम्हे बेवजह
ढूंढा करता हूं,
ना जाने तुम्हे इतना याद
क्यों करता हूं,
बस इसी आस में शायद इस दिल
को तुम्हारी तलाश रहती है,
की शायद कभी तुम्हे इस दिल
की थोड़ी सी तो कदर होगी ही ।
बस यही खोज रहा यह तुमसे,
एहमियत ।
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आस हमें मोहब्बत की नहीं है तुमसे, तुम्हारी नज़रों में खुद की एहमियत की है । जिंदा रहने के लिए जान जरूरी है, और जिंदगी जीने के लिए जिंदगी में मकसद, मेहबूब और मान जरूरी है । ❤️
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