वो बिछड़े यार की याद में ज़रा मरते ज़रा जीते हैं
जब दिख जाती हैं बिस्तर की सिलवटें या कसक उठती है उन गुलाबी मुलायम होठो को चूमने की
हम शराब पीते हैं।
•सुनिधि
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sunidhiiiii 9w
वो बिछड़े यार की याद में ज़रा मरते ज़रा जीते हैं
जब दिख जाती हैं बिस्तर की सिलवटें या कसक उठती है उन गुलाबी मुलायम होठो को चूमने की
हम शराब पीते हैं।
•सुनिधि