कुछ मेरे बाद तेरा रह जायेगा,
कुछ तेरा तो कभी था ही नहीं !!
©shriradhey_apt
shriradhey_apt
Co-founder of Jhilmil Sitaare production house (jsitaare@gmail.com)
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shriradhey_apt 3d
यूँ तमाम उम्र गुज़ार दी हमनें,
चल आ आज बटवारा कर लें,
तेरा तू ले जा, मेरा मुझें सौंप दें !!
©shriradhey_apt
क्या कभी कर पाओगें तुम ऐसा हिसाब?? -
shriradhey_apt 4d
जो बातें तुझसे हुआ करती थी,
वो बातें अब ख़ुदसे भी नहीं होती !!
क्या सच में इतने बदल गए हैं "हम" ...उनको ये शिक़ायत है कि हम कुछ नहीं कहते,
हमारी भी यहीं हालत है कि हम कुछ नहीं कहते !!
©shriradhey_apt -
काश तुम्हें भूल जाना,
उतना ही आसाँ होता,
जितना तुम्हें याद करना !!
©shriradhey_apt -
shriradhey_apt 2w
एक वक़्त था जब तू ख़ुद को मुझमें ख़ोज़ता था,
अब यही वक़्त तुझे तुझ में खोज़ता है ....रोज़ाना चुपके से आकर तेरे क़रीब होने के निशां देखना,
उन्हें देखकर ख़ुद से यहीं कहना, शुक्र है तू किसी के तो क़रीब है,
जो तुझे तुझसे भी अज़ीज़ हैं, शायद ख़ुदसे मुलाकात मुक्कमल हुई तेरी !!
©shriradhey_apt -
हर बार तुम्हें ही लिखूँ ये ज़रूरी तो नहीं,
ख़ुद को ख़ुद से ही छिपाऊँ, ज़रूरी तो नहीं !!
©shriradhey_apt -
इश्क़ नहीं तुमसे
क्यूँ उसकी अपनी सी दुनियाँ में अपनों की ही जग़ह ख़ाली रह जाती है,
क्यूँ बेवज़ह के ख़्यालों में बेख़याली सी रह जाती है,
क्यूँ दुआओं में उठते है हज़ारों के हाथ, फ़िर भी झोली ख़ाली रह जाती है....
दिन-भर की जाने कितनी ही बातें हुआ करती थी हमारे बीच, कुछ पुराने किस्से कुछ उसके अपने से किस्से। वक़्त का कभी पता ही नहीं चल पाता था उसके साथ, आज यहीं वक़्त है जो काटे नहीं कटता है। पर उसे क्या, उसे तो ऐसा लगता है कि ये रिश्ता उसके लिए बोझ है जिसे वो पिछले कई सालों से बिना कुछ कहे ढो रहा है पर सही मायनों में ऐसा नहीं है और ये सच वो ख़ुद भी जानता है। उसे इस बदलते वक़्त के साथ-साथ ख़ुद को भी बदल लिया है कि अब उसके पास ख़ुद अपने लिए भी वक़्त नहीं तो कोई शिकायत करें भी तो कैसे, अपने इर्दगिर्द सवालों और ग़लतफ़हमियों की दीवार का कद इतना ऊँचा कर दिया है कि उसे लाँघना तो दूर तोड़ पाना भी मुश्किल सा लगता है। इतना सब होने के बाद भी दिन के कई पहर उसकी ही याद में गुज़रते है। उसकी एक झलक पाने को आज भी ये आँखें तरसती है। वही मैं थी जो उसकी आँखों की तारीफें किये थकती नहीं थी और आज वही मैं हूँ जिससे उसे बेइंतहा नफ़रत है जी-जी बिल्कुल सही सुना नफ़रत, गर नफ़रत ना होती तो मोहब्बत रही होती पर वो तो हमेशा ही कहता रहा कि इश्क़ नहीं तुमसे ...
©shriradhey_apt -
shriradhey_apt 3w
बिखरें काँच के टुकड़ों को उठाने ना दिया,
रिश्ता टूट रहा था, उसे बचाने ना दिया !!
©shriradhey_aptरिश्तों को शीशे सा नाज़ुक बता कर,
चल दिये वो ख़ुद ही उसे तोड़ कर !!
©shriradhey_apt -
shriradhey_apt 3w
एक वक़्त वो भी था और एक वक़्त ये भी है,
तब तुम क़रीब थे, अब तुम ख़ुदसे भी जुदा हो !!तुम्हारे वक़्त की कीमत अब बदल गयी,
अपनी मर्ज़ी के मालिक हो, ऐसा कहते हो !!
©shriradhey_apt -
छोटी सी मुलाकात हमसे भी की होती,
चाहने वालों में गिनती हमारी भी होती !!
©shriradhey_apt -
चाहतों का गर कोई बाज़ार रहा होता,
मेरी जाँ नाम तुम्हारा रोशन रहा होता!!
©shriradhey_apt
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jigna_a 3h
#dedicatedtoamritapritam
अमृता प्रीतम की मैं तुझे फिर मिलूँगी, मेरा प्यार है। मैं इस पंक्ति पे हज़ारों कविताएँ लिखना चाहती हूँ।मैं तुझे फिर मिलूँगी
फिर कभी,
अगर मेरा होना तेरी राहत नहीं,
तेरी पीर है,
अगर चाहना तुझे तेरा चैन नहीं,
मेरा वहम है,
मुझसे रब्त रखना तेरी आरज़ू नहीं,
बस मजबूरी हो,
मेरे हँसने में साथसाथ गूँजता ना हो,
हँसना तेरा,
अगर मैं नहीं जिसके लिए मूँदता पलकें;वो,
सपना तेरा,
झिझकना नहीं मेरे यारा,
मेरी मोहब्बत तेरी खुशी में है छिपी,
सबसे ज़्यादा,
और शिद्दत से दुआ करूँगी,
तुझे तेरी असली खुशी मिले,
पर भूलना नहीं मेरी जान,
वक़्त के असीम फलक पे,
किसी और किरदार के साथ,
मैं तुझे फिर मिलूँगी।
©jigna_a -
jigna_a 8h
https://www.amazon.in/dp/B08XWB4C4Y/ref=cm_sw_r_cp_apa_i_2V791PYWYV8B0N21BH24
ना ही मैं कोई प्रतिष्ठित नाम, ना ही कोई रुतबा, ना ही संपूर्ण हूँ, परंतु समय बहता जा रहा है और मुझे मेरा सपना भी पूरा करना है, साथ देंगे ना??
आ रहा है मेरा प्रथम एकल संग्रह "आविर्भाव" मेरा साथ देंगे ना?
Book is available for pre order on Amazon, please click on given link above©jigna_a
Link in bio -
#मनकीबात
अरे! यार नहीं होना पतला,
I'm in love with myself,
जो हूँ, जैसी हूँ,
मैं खुद को बड़ी प्यारी हूँ,
जितनी frustration मुझे नहीं,
उतनी लोगों को क्यूँ हो जाती है,
मुझे देखकर,
मेरा रवैया देखकर, फिर रंग बदलते,
अरे! आपके स्वास्थ्य के लिए कह रहे,
आपको पता है कुछ,
ना मुझे sugar है ना रक्तचाप,
आज भी चल पाती हूँ अच्छे से don't worry,
सभी प्रकार के कपडे पहनती हूँ,
और मुझे body type ya shaming याद भी नहीं, जबतक आप याद नहीं करवाते,
कोई क्यूँ ऐसा होता है, किस परिस्थिति से लड़ रहा होता है,बिना जाने, बिना समझे, कुछ भी,
और अगर मेरे मोटे होने से किसी को शर्मींदगी हो रही हो तो ये उसकी problem, not mine,
मैं अपनी favourite हूँ,
और मुझे पतला नहीं होना, फिट्टे मुँह!!
©jigna_a -
manuhere 1d
#death is #inevitable , let's make #legacies too
#name not for the #sake
#poetry #mirakeeworld #mirakee #legacy #time #days #suns #moons
@riyashi @rangkarmi_anuj @shriradhey_apt @writerstolli @hindiwritersमेरे बिना भी मुद्दत का सवेरा होगा
शरबती शामें होंगी, रातें होंगी
इंतज़ाम होगा शर्तिया शिकायत की महफ़िल में
ज़ुबाँ पे नाम होगा, हज़ारों बातें होंगी।
मनु मिश्रा -
_harsingar_ 1d
#hindinama #mirakee #hindilekhan #loveariddle दिल को जो लगा लिख दिया जवाब चाहिए @jigna_a @shriradhey_apt @amateur_skm @rangkarmi_anuj सौरभ अगर समय हो तो कुछ बताओ
प्रेम रिक्त इस हृदय वीणा को
कैसे मैं झंकृत कर पाऊं
प्रेम का अंत सुखद
मैंने कभी ना पाया है
तुम्ही कहो ओ मीत मेरे
मैं प्रेम गीत कहां से लाऊं
सरिता से सागर का वो निश्छल प्रेम
मुझको भी करता सम्मोहित
समा के सागर में वो फिर
क्यों खारी जो जाती है
तुम्हीं कहो हे मेरे प्रियवर
मैं इस मन को क्या मैं समझाऊं
मैं प्रेम गीत कहां .......
दीपक बाती साथ जले तो
उजियारा हर कोना होता है
मधुर मिलन से दोनों के
रंगीन समा हो जाता है
सब कहते दीपक है जलता
बाती अनदेखी रह जाती है
बाती के बुझने पर दूजी बाती से,
दीपक फिर रोशन हो जाता है
इस स्वारथ के प्रेम को मैं क्यूं समझ न पाऊं
मैं प्रेम....
बाती को जलते देख
शलभ भी यों खुश होता है
बाती जो दीपक साथ जली
उस पर वो मर मिट जाता है
उन दोनों के प्रेम में
वो क्यूं बेगाना रह जाता है
फिर बाती और शलभ का प्रेम
क्यों न अमर हो पाता है
इस अनूठे प्रेम को मैं दिल में बिठा ना पाऊं
मैं प्रेम गीत कहां से लाऊं
डॉ सीमा अधिकारी
©_harsingar_ -
माँ तो तारीफ़ों के पुल बांध देती,
जैसे मेरी सफलता,
उसे साबित कर रही थी,
उसकी आँखें ऐसे चमकती,
जैसे उसका स्वप्न मैं जीती थी,
और पापा बस... हम्म!
कभी ज़ायकेदार खाना बनाती,
या कॉलेज में प्रथम आती,
माँ कलकल बहती नदी होती,
और पापा बस... हम्म!
माँ का वो उछलना,
आशा भरता था,
और पापा का मौन,
प्रेरित करता था,
पता नहीं माँ, पापा,
कि मैंने कुछ पाया या नहीं,
बस जीना सीख गई,
हारने से मुकर गई,
इस बात पे भी कल फोन पे माँ,
"वाह क्या बोलना सीख गई है"
और पापा फिरसे.. हम्म!
©jigna_a -
क्रोध, क्षोभ, ईर्ष्या में जिह्वा
शब्द रचना में सदैव हारी है
विराम उचित तब वाणी को
मौन चिंतन सब पर भारी है
©deepajoshidhawan -
अब बस
ज़हमत उठायी जो हमने,
अब तक दूसरों के लिए,
अब बस, जी इन सब से थक सा गया ।
आए थे अकेले और जाना है अकेले,
इस एकमात्र सत्य को अपना है लिया ।
माना कि धक्का मिलना कोई नई बात नहीं,
हर एक को यहाँ हर किसी से कुछ गिला-शिकवा मिला है भी,
पर बर्दाश करें हम हरदम, ये तो कोई सही सलीका नहीं ।
"अब बस", कह दो दिमाग को अपने,
दिल के जंग में ज्यादा उलझना नहीं ।
रिश्ते निभाना दूर की बात है,
जहाँ इज़्ज़त और इंसानियत ना दिखे,
उनके लिए अब बस करो ज़हमत उठाना और सहना भी ।
"अब बस" ज़रूरी है, गलत खुद के साथ होता देख कहना जी !
©_writer_at_heart_ -
हज़ारों बार हैं मरे, एक जीने के वास्ते
टुकड़े समेट कर के वजूद हम ने बनाया है
©monikakapur -
स्वास्थ्य
स्वस्थ्य शरीर मे करता निवास स्वास्थ्य मन,
उत्तम आहार विहार अपना स्वास्थ्य रखो तन।
स्वास्थ्य रहे शरीर जब तभी जीवन का आनंद,
सब संपदा बस नाम की सर्वोच्च है स्वास्थ्य धन।।
शुद्ध आहार लाये मस्तिष्क मे शुद्ध विचार,
हरी सब्जियों और फलों मे गुण भरे अपार।
व्यायाम वर्जिश और सैर करो तुम हर रोज,
सुडौल और आकर्षक बन करो सपना साकार।।
दूषित खान-पान के चक्कर में तुम कभी न आना,
जितनी है आवश्यकता तन को उतना ही खाना।
जितना हो शुद्ध भोजन उतनी ही मिलती खुशियाँ,
हुआ बेड़ौल भारी शरीर तो पडे़गा तुम्हें पछताना।।
सैर करो तुम नित सुबह-सवेरे इससे रुप निखरता,
रोगी काया किसी को न भाती है सबको अखरता।
स्वास्थ्य शरीर होता जीवन की सर्व अनमोल निधि,
समझदार होता है वही व्यक्ति जो इसे है निखारता।।
अर्चना तिवारी तनुजा
03/03/2021
