यूँ ना समझ भूल गए हम
वापस आए हैं अपनों के लिए
यहाँ पर ही हम
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क्यों दिखाई जिस्म के निशान दिएँ
हताहत तो रूह हुई थी ना
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औक़ात तो तुने अपनीं ख़ुद ही आँकी थी
लोगों ने तो बस साथ दिया था तेरा
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वक़्त की डोर जितनी कमजोर है
हौसले की ताक़त उतनी ही मज़बूत कर
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धोका आँखों का था, मगर क़सूर बातों का था
लबों पर ख़ामोशी थी, निकल वक़्त भी गया..!
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अरे पागलों समय की चाल हक़ में जब होती है जब ग़लत फ़ैसला लेकर भी सही साबित करने
की हिम्मत और ताक़त पास हुआ करती है
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हालात अपने समझ नहीं आए
इलज़ाम दूसरों पर लगा दिए
औक़ात की बात तो की मगर
ख़ुद औक़ात भूल गए
अख़िर में समय का रोना था
आज तेरा समय कल मेरा
होना दिमाग़ में तय हुआ था
अरे नासमझ अपनों और
परायों में ही अन्तर ना समझ
सके बात कल की कर दी
दिमाग़ ख़ुद का चला नहीं
वैसे ही वक़्त किसी का नहीं
जो करना है वक़्त रहते कर
दे कल की क्या पता
जो आज हुआ नहीं वो कल
होना तुने तय कर लिया -
हूँ तो मैं वो ही जो लोगों ने सोचा न था वो बात अलग है इस पर मैंने गौर किया नहीं था
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simpebidhuri 11w
आँखों को यूँ ही बदनाम ना करो
कहानी तो शब्दों से ही शुरू हुआ
करती है......
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simpebidhuri 12w
हौसला तो टूट गया
पर साँसें
बकी है अरे पागलों
जीने के
लिए लोगों की ज़रूरत
नहीं हैं
आपा ही काफ़ी हैं
©simpebidhuri
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जब जब को तू सोच में होगा,
अमन - चैन की खोज में होगा।
तब - तब तुझमें भ्रम को भर के,
मुखिया तेरा मौज में होगा।
तू भूखे पेट ही धरने देगा,
वो सुबह शाम को भोज में होगा।
वह तुझसे छल - बल खेलेगा,
तू बेमतलब के बोझ में होगा।
ख़ुद के भीतर जब झांकेगा,
बस तब ही तू ओज में होगा।
©abhi_mishra_ -
abhi_mishra_ 2w
तुम ही सोचो ज़रा, क्यों न रोकें तुम्हें........
#hindi #hindiwriters #abhimishra
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बेरंग थीं उस रोज़ फिज़ाएं,
उस रोज़ सुहानी शाम ना थी,
एक लम्हा ऐसा ना बीता,
जिस पल को घड़ी बदनाम ना थी,
वो पास था मेरे इस लम्हे,
अगले लम्हे में ना होता,
ऐसे हालातों में आख़िर,
मैं करता क्या जो ना रोता।
उस रोज़ को मैंने सजदे में,
बरसों तक रब से माँगा था,
एक चेहरे की तस्वीरों को,
दिल - ओ - दीवार पे टांगा था।
तब वक्त जो दौड़ा जाता था,
तुझ बिन अब जैसे ठहरा है,
मदमस्त हुआ सा फिरता था,
उस वक्त पर जैसे पहरा है।
उस रोज़ को कहता मैं तुमसे,
अपने इस दिल का हाल, मगर,
मैं दोहरा दूंगा फ़िर वो पल,
हम फ़िर जो मिले इस साल अगर।
©abhi_mishra_ -
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मैंने कहानियां पढ़ी हैं बरसों, कहानीकार देखे हैं,
कहानियों में मदमस्त, असल में बेज़ार देखे हैं।
वो किस्सों से ख़ुश हैं, और किस्सों में परेशान,
दवाखानों में हकीम जैसे, बीमार देखे हैं।
©abhi_mishra_ -
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मेरी मोहब्बत के किस्से, तुम्हें उम्र तलक बतलाना है,
ख़ैर, लेकिन, मगर, इजाज़त, मुझे भी घर चलाना है।
©abhi_mishra_ -
ऐ जिंदगी तुझे जीने के लिए
कई ख्याल पैदा करने पड़ते हैं..!
nikital__14/2/2021 -
अधुरी कहानी ?
कहानी ही तो अधूरी है
तभी तो रोज लिखता मिटाता रहता हु........?
©prajjwal_saini -
mohittilak 3w
नशा..️️✓
उनसे मोहब्बत के चलते बेकरारी का ये आलम है
ना सुबह मजे में है ना शाम मजे में है,
अब तो अपनी नज़रें तमाम नशे में है..✓✓
©mohittilak -
mufaasa_007 3w
Love❤
Use lagta hai ke woh mare liye maine nahi rakhte (absolutely nothing)
Ab mai use kaise samjau ke raaton me hasta hu uske wajha se,
Jeene laga hu uske wajah se, shayad yea uska bharam (Delusion)
Hai yea woh apne aap ko mare mohabbat ke kaabil (deserve) nahi samajhte
©mufaasa_007 -
riddhip 3w
ं
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"प्रेम "
समस्त सृष्टि का आधार प्रेम!
ढाई अक्षर प्रेम का मन्नत का धागा!
सांसो की डोरी हवाओं की सरगम!
चंदन सा सुगंधित प्रीत की लौ मे!
कराता हरि दर्शन!धरती, आकाश!
नक्षत्रो को जोड़ता आपस का विश्वास !
जड़ चेतना से प्रेम ही जग का मूलाधार!
ह्रदय को प्रेरणा देता अंधकार दूर करता!
अनोखा एहसास है!प्रेम निर्झर निर्मल प्रवाह!
नज़रो से बयां होता है!ईश्वर की स्वाभाविक कृति!
मन को सुगंधित करता है!
©ruchitashukla
