सफ़र और यादें
मुझे मंज़िलों से इश्क़ है पर जाने क्यों सफ़र
से खौफ़ आता है कि कहीं दूर ना हो जाऊं
अपने आप से , मेरी जिंदगी और मेरी यादों से!
पर फिर यूँ लगता है कि अगर सफ़र
में मैं दिलचस्पी लूँ तो शायद मुझे सफ़र
से भी प्यार हो जाए, गैर भी मेरे यार
हो जाएँ और मेरे अपने मेरे लिए बेकरार हो जाएं!
मैं भी देखना चाहती हूँ कि कैसा लगता
होगा ऐसे सफ़र में जहाँ सिर्फ
यादों से लम्हें बन जाएं और पुराने लम्हें
यादों के रूप में मेरे दिल पर बसर हो जाएं!
पर ऐसा भी लगता है कि अगर
मुझमें संतुष्टि आ जाए तो मुझे शायद
कभी इससे गुज़रने की ज़रूरत ही ना पड़े,
मुझे खुशियाँ, हसीन पल, हमसफर
भी शायद यहीं मिल जाए!
वैसे मैं अक्सर ये सब कुछ सोचती
रहती हूँ पर फिर लगता है
मेरा परवर दीगार जो मेरे लिए
मंज़िल चुनेगा, हो सकता है वो मेरे
सफ़र को भी मंज़िल से भी ज़्यादा प्यारा
बना दे, मेरी तसल्ली को बिगाड़ कर
शायद नए रेहगुज़ार पर अग्रसर कर दे!
अगर ऐसा हो जाए तो क्या मैं
अपने दुख भरी यादों को भी मिटा पाऊँगी,
क्या उन्हें दिल से निकाल पाऊँगी,
मेरे इरादों को मुत्मइन कर पाऊँगी,
खुद को हमेशा अच्छे ही रहने की दिलासा दे पाऊँगी ?
मैं अपना हर एक लम्हां सुकून
और सादगी से बिताना चाहती हूँ,
मैं सफ़र की यादों में ढल जाना चाहती हूँ,
हर अपनी चीज़ को सहजता से अपनी
जिंदगी में रखना चाहती हूँ चाहे
फिर वो किसी की बातें हों, मोहब्बत हो
ख़्वाब हो, उनकी कोई नादानी
या कोई भी निशानी!
©स्याही
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syaahiii 1w
ᴇᴠᴇʀʏᴛɪᴍᴇ ɪ ꜰᴇʟᴛ ꜱᴏᴍᴇᴛʜɪɴɢ
ɢʟɪᴍᴍᴇʀɪɴɢ ɪɴ ᴍʏ ʜᴇᴀʀᴛ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴡᴇʀᴇ ᴀʀᴏᴜɴᴅ ,
ᴇᴠᴇʀʏ ᴛᴏᴜᴄʜ ᴡᴀꜱ
ꜱʟɪᴄᴋ ᴀɴᴅ ᴘᴀꜱꜱɪᴏɴᴀᴛᴇ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴍᴀᴅᴇ ᴍᴇ ᴄʀᴏᴡɴᴇᴅ
ᴇᴠᴇʀʏᴛɪᴍᴇ ɪ ꜰᴇᴇʟ ᴘʟᴇᴀꜱᴀɴᴛ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ʜᴜᴍ ꜰᴏʀ ᴍᴇ ,
ᴇᴠᴇʀʏ ʟɪɴᴇ ᴡᴀꜱ ꜰᴀꜱᴄɪɴᴀᴛɪɴɢ
ᴀɴᴅ ꜰɪʟʟᴇᴅ ᴡɪᴛʜ ɢʟᴇᴇ
ᴇᴠᴇʀʏ ᴍᴏᴠᴇ ᴡᴀꜱ ᴄʀɪᴄᴋ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴍᴀᴅᴇ ᴍᴇ ꜱᴡɪʀʟᴇᴅ ,
ᴇᴠᴇʀʏ ɢᴇꜱᴛᴜʀᴇ ᴡᴀꜱ ɪɴꜰᴀᴛᴜᴀᴛᴇᴅ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴍᴀᴅᴇ ᴍᴇ ᴘᴇᴀʀʟᴇᴅ
ᴇᴠᴇʀʏ ᴍᴏʀɴɪɴɢ ᴡᴀꜱ ʙᴀʟᴍʏ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴍᴀᴅᴇ ᴛʜᴀᴛ ᴀᴅᴏʀɪɴɢ ꜰᴏʀ ᴍᴇ ,
ᴇᴠᴇʀʏ ɴɪɢʜᴛ ᴡᴀꜱ ʙʟɪꜱꜱꜰᴜʟ
ᴡʜᴇɴ ʏᴏᴜ ᴍᴀᴅᴇ ᴛʜᴀᴛ ᴋɪꜱꜱ ɢᴇɴᴛʟᴇ ᴀɴᴅ ꜰʀᴇᴇ .
©ꜱʏᴀᴀʜɪɪɪ.
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syaahiii 1w
खानाबदोशों का ठिकाना ना होकर भी उनके दिल का मकान कितना बड़ा होता होगा क्या सोचा है कभी ?
खैर जाने दो तुमसे क्या कहुँ तुमने दिल में तो क्या यादों में भी कहाँ कोई ठिकाना दिया मुझे !
-स्याही -
syaahiii 1w
तू क्या वो पुराना मकान तलाशने चला है
वो तो कब का ढ़ह गया होगा ना
बरसातें तुफ़ानों के साथ क्या कम
आई हैं
और तू बात करता है फिर
उन्हीं कच्चे रस्तों पर से जाने की
वो तो अब पक्की भी हो गई हैं
सरकारें योजनाओं के साथ क्या कम
आई हैं !
-स्याही -
syaahiii 2w
मैं नहीं कहती
------------------
मैं नहीं कहती तुमसे कि
मुझसे मोहब्बत करो तुम
पर हाँ नफ़रत क्यों ना एक दफ़ा
कर कर देख लो
मैं नहीं कहती कि
मेरी बातें सुनो तुम
पर हाँ क्यों ना एक
दफ़ा अनसुनी कर कर देख लो
मैं नहीं कहती कि
मुझसे नज़र मिलाओ तुम
पर हाँ क्यों ना एक
दफ़ा नज़रे चुरा कर देख लो
मैं नहीं कहती कि
मेरे पास आकर बैठो तुम
पर हाँ क्यों ना एक
दफ़ा सामने से जाकर देख लो
मैं नहीं कहती कि
मेरी कविताएँ पढलो तुम
पर हाँ क्यों ना एक
दफ़ा इनको इंकार कर कर देख लो!
-स्याही.
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syaahiii 2w
तुम हो
~•~•~•~•~•~•~•~•~
मेरा मधुर संगीत तुम हो
मेरे दिल की प्रीत तुम हो
मेरी सदियों की रीत तुम हो ,
मेरे जज़्बात जानो
स्याही के मनमीत तुम हो !
मेरी टूटी कसम तुम हो
मेरा देखा भ्रम तुम हो
मेरी स्याही की कलम तुम हो ,
मेरे प्यार को समझो
ईश्वर का मुझपर करम तुम हो!
मेरी जिंदगी तुम हो
मेरी बंदगी तुम हो
मेरी सादगी तुम हो
मुझे पागल ना समझो
सच है मेरी
मौसिकी तुम हो!
मेरा प्यार भरा जीवन तुम हो
मेरा शब्दों का उपवन तुम हो
मेरी भावनाओं में
दिल से बंधन तुम हो
मेरी प्रार्थना करने का
भजन तुम हो!
मेरी आस तुम हो
मेरा लिबास तुम हो
मेरी जिंदगी में प्रेम
का उपन्यास तुम हो
मेरी कविताओं की
कभी ना बुझने वाली
प्यास तुम हो!
मेरी आशा तुम हो
मेरी हताशा तुम हो
मेरी कभी पूरी
ना होने वाली
अभिलाषा तुम हो
मेरे जीवन में प्रेम की
निराली भाषा तुम हो!
मेरे लिए असल प्रेम
की अनुकृति तुम हो
मेरे जीवन में मेरी
अनुभूति तुम हो
मेरे हृदय की
सहानुभूति तुम हो
©स्याही.
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syaahiii 2w
ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ɪ ᴍɪꜱꜱ ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʟᴅᴇɴ
ᴀɴᴅ ᴍʏ ʜᴇᴀʀᴛ
ɪꜱ ꜰᴜʟʟ ᴏꜰ ᴘʀᴀɪꜱᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ʟᴏᴠᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ʙᴇᴀᴜᴛɪꜰᴜʟ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴇɴᴏᴜɢʜ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴛʀᴀɴQᴜɪʟ
ᴀɴᴅ ᴘᴇᴀᴄᴇꜰᴜʟ.
ɪ ᴍɪꜱꜱ ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʟᴅᴇɴ
ᴀɴᴅ ᴛʜᴇʏ ꜱᴛɪʟʟ
ᴍᴀᴋᴇ ᴍᴇ ᴀᴍᴀᴢᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ʙʀɪɢʜᴛ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴡᴀʀᴍ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴘᴏʟɪᴛᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ
ᴄᴏᴍꜰᴏʀᴛɪɴɢ ᴀʀᴍ.
ɪ ᴍɪꜱꜱ ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʟᴅᴇɴ
ᴀɴᴅ ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ
ɢᴀᴜᴅʏ ʙʟᴀᴢᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʀɢᴇᴏᴜꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ꜰᴀꜱᴄɪɴᴀᴛɪɴɢ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ꜰʟᴀᴡʟᴇꜱꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴀᴍᴀᴢɪɴɢ
ᴀɴᴅ ᴇɴɢᴀɢɪɴɢ.
ɪ ᴍɪꜱꜱ ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʟᴅᴇɴ
ᴀɴᴅ ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ
ᴀʙꜱᴛʀᴀᴄᴛᴇᴅ ᴅᴀᴢᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴘᴜʀᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴅɪᴠɪɴᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴀʟʟᴜʀᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴛʜᴇ
ꜱᴏᴏᴛʜɪɴɢ ꜱᴜɴꜱʜɪɴᴇ.
ɪ ᴍɪꜱꜱ ᴛʜᴏꜱᴇ ᴏʟᴅ ᴅᴀʏꜱ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ɢᴏʟᴅᴇɴ
ᴀɴᴅ ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ
ᴛʜᴇ ᴄᴏɴꜰᴜꜱɪɴɢ ᴍᴀᴢᴇ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ꜰᴀᴛᴇꜰᴜʟ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴅᴇᴀʀᴇꜱᴛ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ʙʟɪꜱꜱꜰᴜʟ
ᴛʜᴇʏ ᴡᴇʀᴇ ᴘʟᴇᴀꜱᴀɴᴛ
ᴀɴᴅ ᴄʟᴇᴀʀᴇꜱᴛ.
~ꜱʏᴀᴀʜɪɪɪ.
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syaahiii 2w
उनसे कहना वो उस
सितारे की तरह हैं जो
कभी अपनी जगह नहीं
बदलता नाहीं आकाश में
और ना ही मेरे दिल में !
वो हमेशा जिंदगी
का खूबसुरत पहलु
कहलाए जाएंगे मेरी
जिंदगी का और
हमेशा मेरा खयाल
करकर मुस्कुराएँगे
मुझ जैसी अहमक
लड़की पर क्योंकि
मैं उन्हें कभी
समझा ना पाई
और ना ही वो
कभी मेरी भावनाएं
समझ पाए !
मैं बस उनसे
दूर जाना
चाहती हूँ
क्योंकि वो
भी यही
चाहते थे
मुझे अपना
कह कर
भी अपने
आप से
दूर करना
चाहते थे
मैं भी कितनी
पागल हूँ काश कि
कुछ उनकी भी समझ
पाती थोड़ी अपनी
कहती थोड़ा उन्हें
मेरे भावों का बता पाती
वो अब कभी नहीं
आयेंगे दिल तुम ये जानलो
अपने आप को जैसे
भी पर ये बात समझा दो
अगर आएंगे उन्हें
मैं फिर भी ना मिलूँगी
अब बस मैं उनकी
यादों में ही जी लूंगी!उनसे कहना मैं अब
उन्हें कभी नहीं मिलूँगी
ख्वाबों में भी नहीं
बेशक़ वो जिंदगी है
मेरी पर उनसे कहना
मैं अब उन्हें कभी
नहीं मिलूँगी
वो मूझसे खुद को
भुल वाना चाहतें हैं
पर मैं उन्हें कभी
नहीं भूलूंगी और
कभी भूलने का सोच
भी नहीं सकती
ख्वाबों में भी नहीं
मैं उनके बिना
रह लूंगी मगर
उनकी यादों के बगैर
कभी नहीं रह पाऊँगी
मैं हमेशा उन्हें
याद करूँगी
उनकी यादों में मैं
कविता लिखा करूँगी
मैं उनसे और नहीं
कह सकती की
वो क्या हैं मेरे लिए
ना हीं कभी अब
उन्हें समझाना चाहूँगी
मैं उन्हें कभी
नहीं भूलुंगी बस
उनकी यादों के
साथ जी लूंगी
वो मुझे एक
सुंदर रूह कहते थे
और ये मुझे
सदा याद रहेगा
मेरा दिल हमेशा
उनके लिए ढेरों
दुआएँ कहेगा
मेरे लेखन में
सदा यूँही रहेंगे
मेरे फूल भी मुझे
पागल कहेंगे
मैं इतना चाहूँगी
हमेशा तुम्हें
हर पल जीऊँगी
उन बातों के
सहारे ही जो वो
मुझसे कहा करते थे
उन्होंने हर मुमकिन
कोशिश की मैं
कभी ना रोऊँ
शायद उन्हें नहीं
पता कि इस
सिलसिले में ये
कभी मुमकिन
हो ही ना पायेगा
कोई मुझे उनकी
याद में रोने से
रोक ही ना पाएगा
मैंने बेशक़ उनसे
अलविदा कर दी है
पर उनका वजूद
वो खुद भी नहीं
मिटा पाएंगे मेरी
यादों से!
काश की वो ये
कभी ना पढ़ें
काश की वो
कभी ना समझें
क्योंकि अब नाहीं
ये सब का
कोई सबब है
और नाहीं
उनके पास मैं
©-स्याही -
syaahiii 2w
//फूलों की जान//
आज जब उन्होंने
मेरे फूलों को तोड़ा,
मुझे बहुत ही ज्यादा
दुख हुआ,
वो आज ही खिले थे
मैं उन्हें देख भी ना पाई
उनसे मिल भी ना पाई
मेरा आज बहुत बहुत
मन था उन्हें सहलने का
उनसे प्यार करने का
मुझे आज बहुत
ही अफ़सोस है मैं
उन्हें बचा ना सकी,
मुझे आज बहुत
ही अफ़सोस है मैं
उन्हें देख भी ना सकी ,
क्या उन्हें भी हुआ होगा?
क्या उन्हें प्यारे फूलों की
जान का नहीं सोचा होगा ?
काश वो मेरे फूलों
के प्रति मेरे स्नेह
को देख पाता
मुझे यकीन है
मेरी मोहब्बत पर
वो मेरा दिल कभी
ना दुखाता ना ही
मेरे प्यारे फूलों को
यूँ तोड़ कर ले जाता
मुझे आज बहुत
ही अफ़सोस है मैं
उन्हें बचा ना सकी,
मुझे आज बहुत
ही अफ़सोस है मैं
उन्हें देख भी ना सकी
-स्याही.
-
syaahiii 2w
दिल चाहता है
मेरा झूठों पर भी यकीन
करने को दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ कि सब
एक दूसरे से प्यार करें
मेरा सबसे मोहब्बत
करने को दिल चाहता है
मेरा झूलों पर घँटों
झूलने का दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ कि मुझ
पर कोई पाबंदी ना हो
मेरा आसमान से बातें
करने को दिल चाहता है
मेरा तितलियों के संग
खेलने को दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ मैं उनके
बीच यूँही बैठी रहूँ
मेरा उनके राज़ जानने
को दिल चाहता है
मेरा मंद मंद धूप
सेकने का दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ कि मैं वहाँ
बैठकर खूब मुस्कुराऊं
मेरा सूरज से दोस्ती
करने का दिल चाहता है
मेरा बारिशों में झूमने
का दिल चाहता हैं
मैं चाहती हूँ कि बुँदे
मूझसे बहुत प्यार करें
मेरा हर मौसम में बरसात
कराने का दिल चाहता है
मेरा समुंदर किनारे
चलने का दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ वो
शाम कभी भी ना ढले
मेरा वहीं कहीं खो
जाने को दिल चाहता है
मेरा रात में सितारों को
ताकने का दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ कि नन्हें सितारों
के आगे बादल कभी ना आए
मेरा सितारों के साथ
टिमटिमाने को दिल चाहता है
मेरा उस शख़्स को करीब से
जानने को दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ वो
हमेशा मेरे साथ रहे
मेरा उसको भी मोहब्बत
सिखाने को दिल चाहता है
मेरा हर किसी को खुश
देखने का दिल चाहता है
मैं चाहती हूँ खुशी का
सबब भी सबका मैं बनु
मेरा हर पराए को भी
अपना मानने का दिल चाहता है
-स्याही
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tamanna3 2d
In the silence,
When no men are hunting,
Cries a wolf, for peace,
For freedom.
In its own dialect,
It asks for forgiveness,
Scavenging was never its choice,
But an ill-fated way of survival.
When it's dark enough,
Puts its guard down and cries,
Unknown of what awaits tomorrow,
Wails for its mother and abandoned herd.
The forest guard patrols,
Firearm in hand, he swerves,
To rid of poachers and let live,
The young wolf in its lone lair.
Someday when men came,
In numbers huge and guns many,
The lone wolf cried, in guilt not but grief,
When he saw the guard was but one of them.
A bullet pierced its heart then,
Tears from its sore eyes flowed without an end,
Men would be men, its final thought,
Made way through its last cry to the heavens.
Today cried another wolf,
Sibling of the deceased loner, they say,
Yet living among men, this time it was killed not,
For it's learned itself, the way of betrayal.
It cries still, but not for peace,
Nor forgiveness or freedom,
For it's become one of those men,
Whose name symbolize not it's denotation.
©tamanna3
A little old draft. #slogan #wod
Thank you @writersnetwork ❤️ much love :')Will the cry be heard before it's the last one?
The last cry shouldn't be the one,
But it's the only one that's heard.
©tamanna3 -
haniaaaa 1d
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theonesidedthoughts 8h
@thelunareclipse
@rani_shri @khanjaseera @__shaazu__ @bouncy
#mirakee #mirakeeworld #readwriteunite #writersbay #mirakeeassistant #emotions #bff #friends #motivation #inspiration #sad #love #theeternallover #theonesidedlover #friendship
#single #singlelife #thoughts #randomthoughts #muse #foreveryours #imaginations #ceesreposts
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And DARLING
You can't imagine how much I love you
©theonesidedthoughtsAnd DARLING
No te imaginas lo mucho que te amo...
©theonesidedthoughts -
तबाह
हम क़त्ल क़ातिल और कंगाल हो गए
इश्क़ में तेरे इलेक्शन-ए-बंगाल हो गए
©my_sky_is_falling -
mamtapoet 2h
महकी हुई सी तेरी साँसों के घेरे में
हम हर पल बहके से रहते है।
कुछ बंदिशें है दुनिया की
जो एक रूह हैं पर दो जिस्मों में
बट के हम रहते हैं।
©mamtapoet -
mrkhan56 4h
ज़िन्दगी कुछ तो टूटी है
और जवाबो में, सिर्फ सवाल है
~शाज़ान खान
मेहनत-ए-बे-दाम :- priceless hardwork | अहल-ए-ज़र्फ़ :- kind | तेशा-बे-काफ़ :- sickle in hand | इख्तियार :- control |
ऐन-ए-हयात :- essence of life | शहर-ए-यार :- city of beloved | पैमाईश :- measurement
#hindipost #hindinama @hindiwriters @fromwitchpen @syaahiii @rimmi24 @succhiiiनज़्म
मेहनत-ए-बे-दाम की कुछ तो पगार दे दो,
पैसे ना दे सको तो , खुशियां उधार दे दो ।
दर्द दे कर मुसल'सल क्यों चाहिए जान मेरी,
रूह निकालनी है तो , बस एक दरार दे दो ।
ढलते ही सूरज , चुभने लगते है यादों के कांटे,
लम्बी है रात ज़ालिम, सुभ-ए-बहार दे दो ।
अहल-ए-ज़र्फ़ भी अब बन गए है सितम-आरा,
तेशा-बे-काफ़ ले कर , उन्हें गुल के हार दे दो ।
जैसे हर वक़्त नहीं बरसती है बूंद बादलों से,
मेरी आंखों को भी, अश्को पे इख्तियार दे दो ।
ऐन-ए-हयात दे दो , मुझे शहर-ए-यार दे दो,
रख लो मक्कार दोस्त सारे, दुश्मन का प्यार दे दो ।
पैमाईश करके नहीं लेगा मकान-ओ-ज़मीन 'शाज़ान'
कर सके सज्दा, महज़ एक छोटा दयार दे दो ।
©MrKhan -
parle_g 1h
@rani_shri @rasiika @adeeba__ @archanatiwari_tanuja @qalm_e_afrah
ज़िया ! ये रंज-ए-शाद-मानी रहने दीजिये !
@hindiwriters @hindinamaरहने दीजिये !
मुझपे है फ़ना मिरी,हो सके तो आफत-ए-मेहरबानी रहने दीजिये,
मुझे कौन जान'ता है इस शहर में दाग़, मिरी कहानी रहने दीजिये।
यूं तो तबीअत से ख़ुदा-परस्त भी थे, काबा-ए-पत्थर चूमे है हमने,
बस कुछ दिन मिरे जिहन में काफिरी,वो बद-गुमानी रहने दीजिये।
आगे चल'कर हर-दम नशा ही का'म आएगा, जरूरी नही है मियाँ,
तभी तो मैं कहता हूँ खुलूस, कोई इक़ तस्वीर पुरानी रहने दीजिये।
हमने मना लिया है मातम,और जियादा तिरी जुस्तजू नही मुझको,
मुझे क्या,तिरे सहरा में अब आ'ग रहने दीजिये,पानी रहने दीजिये।
पढ़ी है तिरी चाह'तों की तफ्सील, मिरे नाँ का जिक्र नही है वाइज,
अब तन्हाईयाँ भली है मुझ'को, मिरी अल्हड़ जवानी रहने दीजिये।
सच तो यह भी है जुनैद,सर क'टा देने में नही है कुछ शोहरतें यहाँ,
अप'ने दिल की अदावतें रहने दीजिये,ये खूँ-फिशानी रहने दीजिये।
आज किस'की ज'फ़ा लेकर डूब गयी है मिरे आंगन की धूप मुर्शद,
ख़ुदा,कुछ तो मिरे हक में,कतरा-ए-रंग-ए-आसमानी रहने दीजिये।
ता-उम्र फिर लाखों ज़ुल्म तो नही,म'गर तुम'से वफ़ा की है माशूक़,
तुम दो तो ज'हर अच्छा, तुम दो तो कम्बख्त निशानी रहने दीजिये।
फ़क़त तिरे दयार में है फ़रिश्तें,है जा'म-ए-कौसर तौफ़ीक़ जिनकी,
चल आ तू भी खुदा बन जा, इक़ मुझे ही कोई फ़ानी रहने दीजिये।
जाने क्यूं मन्नतों के ह'ज़ार धागे बांध दिए है मिरी कलाई पर तुमने,
मिरी माँ,मिरी नब्ज़ है तुमसे,तिरी हर'पल निगहबानी रहने दीजिये।
©parle_g -
mrkhan56 2d
Agar koi aurat maa na ban sake toh usme kamiya na nikaale
आशियां :- nest | ज़ौक-ए-नियाज़ :- opportunity for supplication | तिफ्ल-ए-दिल :- child like heart | कम-फ़हम :- stupid
#mirakee #hindinama #hindipost @rimmi24 @adeeba__ @fromwitchpen @syaahiii @7saptarangi_lekhanबेटी बनी, बहन बनी, बीवी भी बन चुकी वो
औरत की हर शक्ल बनी, बस "माँ" ना बन सकी वो
पुरी उम्र दिया परिंदो को पुर-ज़ोर सहारा उड़ने का
खुद के बच्चों का ही आशियां ना बन सकी वो
देख कर आसमां ज़ौक-ए-नियाज़ की उम्मीद में
बेदार हुई के अपने बच्चो का आसमां ना बन सकी वो
ख़ुश-लहजा अक़्सर रखा करती थी बच्चो से
अपने बच्चों की ही ख़ैर-ख़्वाह ना बन सकी वो
देख कर तिफ्ल-ए-दिल, छलक आते है अश्क उसके
ये सोच कर के, औलाद की दुआ ना बन सकी वो
गर हो भी कमी उसमे एक बच्चे को जन्म 'न' देने की
इसका ये मतलब नहीं, के अच्छी इंसां ना बन सकी वो
निकाल खामी कम-फ़हम शौहर ने भी कर दिया अकेला
कौन जाने कमी शाैहर में हो कि "माँ" ना बन सकी वो
©MrKhan -
ovais43 1w
Strong people do not complain, whilst the weak ones die, quite quietly.
©ovais43 -
da_badshah 1d
Kuch bhi nahi hai!
नाखुश नहीं हूँ में जिंदगी से, मगर
खुश रहने की वजह भी तो नहीं है।
रिश्तेदार दूर नहीं है मुझसे, मगर
रिश्तों में अब दूरीयां बहोत है।
देख तो सकता हूं में किनारों को, मगर
किनारों पर भी तो कोई नहीं है।
तन्हा हूँ में, और तन्हाई के अलावा,
मेरे पास अब और कुछ नहीं है।
और कुछ भी नहीं है...
©da_badshah
